परेशानी का सबब बन रही बबूल की झाड़ियां


सिंगाही खीरी। सिंगाही से खैरगढ़ और शितलापुर जाने वाली सड़क किनारे विलायती बबूल की घनी झाड़ियां उगी हुई है जो आने जाने वालों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। वाहन से चलने वालों को परेशानी होती ही है, पैदल राहगीरों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं दुघर्टना का अंदेशा भी रहता है। समस्या गंभीर होने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।सिंगाही से खैरगढ़, पचपेड़ा, शितलापुर, और ऊधौनगर जाने वाली सड़क पर कई वर्षों से झाड़ियों की कटाई नहीं कराई गई है। विलायती बबूल का जंगल सड़क किनारे खड़ा है। पेड़ों की डालें सड़क तक आ गई हैं जिससे आने जाने वालों को परेशानी होती है। मोड़ पर कुछ दिखाई ही नहीं देता है। कंटीली झाड़ियों से लोग जख्मी भी हो जाते हैं। वाहन से चलने वाले दुर्घटना को लेकर संशकित रहते हैं। पैदल राहगीरों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। घनी झाड़ियां लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी हैं। कई वर्षों से सड़क किनारे लगे विलायती बबूलों को कटवाया नहीं गया है जो विस्तृत रूप से फैल चुके हैं। अगर इन झाड़ियों को साफ नहीं कराया गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। गांव के ही सर्वेश वर्मा, सज्जन यादव, नईम सलमानी, नीरज गुप्ता, विजय, का कहना है कि समस्या गंभीर होने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।परेशानी तब होती है जब बारिश के साथ तेज हवाएं इन झाड़ियों को सड़क की ओर गिरा देती है और राहगीरों की मुश्किलें बढ़ा देती है। कुछ जगहों पर तो आलम यह है कि सड़क ठीक से नजर ही नहीं आती है। ऐसे में दुर्लभ पशुओं से दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। ऐसे दुर्लभ जीवों की सुरक्षा के साथ-साथ राहगीरों की राह आसान हो इसके लिए घास फूस कटना आवश्यक है।

सिंगाही से मसरूर खान की रिपोर्ट

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