किसानों के विरोध के चलते दूसरे दिन भी बन्द रही चीनी मिल


ईसानगर खीरी।एडवांटेज ग्रुप की गोबिन्द शुगर मिल ऐरा में भुगतान को लेकर सोमवार को किसानों का शुरू हुआ विरोध मंगलवार को करीब तीस घंटे बाद भी शांत नहीं हुआ। किसान शांतिपूर्ण ढंग से अपने खून पसीने की कमाई की मांग के दौरान गन्ना आपूर्ति बंद कर दी। जिसके चलते सोमवार को दोपहर दो बजे से चीनी मिल बन्द पड़ी है। इस बीच मिल अधिकारियों के साथ साथ डीसीओ,तहसीलदार धौरहरा ने किसानों को मनाने का भरकस प्रयास किया पर किसान इनकी बातों को मानने के लिए राजी नहीं हुए।जिसके चलते मंगलवार को देर सायं तक मिल गन्ना यार्ड में हालात जस के तस बने हुए है। एडवांटेज ग्रुप की चर्चित चीनी मिल ऐरा खमरिया में सोमवार को वर्ष 2018-19 के सत्र का बकाया करीब 44 करोड़ रुपये के भुगतान की मांग को लेकर मिल गन्ना यार्ड में गन्ना सप्लाई बंद करके सनसनी फैला दी। सोमवार को मिल अधिकारियों एवं किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हुई पर कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद मामला सुर्खियों में आ गया क्षेत्र से किसानों ने मिल की तरफ रुख करते हुए हजारों की संख्या में पहुँचकर शांतिपूर्ण ढंग से अपने भुगतान की तत्काल मांग करने लगे। इस दौरान मामला तूल पकड़ता देख तहसील से तहसीलदार अनिल यादव से लेकर जिले के जिम्मेदार जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश पटेल किसानों के बीच पहुँचकर वार्ता की पर हल नहीं निकला जिससे मामला जस का तस बना रहा। इस दौरान मिल प्रशासन में अफ़रातफ़री मची रही। वहीं हजारों किसानों के बीच मे मंगलवार को भारतीय किसान संगठन अराजनैतिक संघ के सदस्य अमरनाथ वर्मा,श्रवण पाठक,मुरलीधर वर्मा,जगदीश प्रसाद, प्रमोद कुमार व रमेश मिश्रा किसानों के बीच पहुँचकर किसानों में जोश भर दिया। जिससे किसान बगैर भुगतान किसी भी कीमत पर गन्ना सप्लाई शुरू न करने की चेतावनी देते रहे। इस बीच ईसानगर,धौरहरा सहित अन्य कई थानों की पुलिस ने भी किसानों से वार्ता की पर मामला जस का तस ही रहा। इस बीच किसानों ने बताया कि वर्ष 2018-19 का जो करीब 44 करोड़ रुपये मिल पर बकाया है उसका भुगतान मिल के जिम्मेदार जैसे ही खातों में पोस्ट करवा देंगे वैसे ही हम लोग मिल को गन्ना सप्लाई शुरू करेंगे। बगैर भुगतान मिले किसी भी स्थिति में गन्ना सप्लाई शुरू नहीं की जाएगी।

जिम्मेदारों ने रखे अलग अलग प्रस्ताव, नहीं माने किसान

चीनी मिल में मंगलवार को पहुँचें पहुँचें जिला गन्ना अधिकारी ब्रजेश पटेल ने किसानों से मिल की स्थितियों से परिचित कराते हुए बताया कि मिल प्रशासन फरवरी के कोटे की चीनी बेंचकर सात फरवरी तक भुगतान करने के लिए राजी है।अगर आप लोग सहमत हो मिल चालू कर गन्ने की सप्लाई शुरू कर दें अन्यथा कानूनी कार्यवाही चाहों तो आरसी काट दी जाएं या धारा 3/7 में मुकदमा पंजीकृत करवा दिया जाय। इस पर किसानों ने डीसीओ से गन्ने के बदले चीनी देने की बात पर कोर्ट का हवाला दिलवाने में नरमी काट गये जिससे किसान भड़क गए। भड़के किसानों को देख डीसीओ मौके से भाग खड़े हुए।व हीं तहसीलदार धौरहरा अनिल यादव ने किसानों से इस बीच कई दौर की वार्ता की जिसमें मिल द्वारा बताया गया कि 31 जनवरी तक वर्ष 2018-19का कुल बकाया 42 करोड़ रुपये का भुगतान करवा दिया जायेगा पर यह वार्ता भी विफल हो गयी। किसानों ने तहसीलदार से वर्ष 2018-19 का भुगतान तत्काल दिलवाने को कहा जबकि वर्ष 2019-20का बकाया अगले महीनों में दिलवाने की बात कहते रहे। इस दौरान किसानों ने यह भी की जबतक पिछले वर्ष का बकाया भुगतान नहीं होगा तबतक हम लोग गन्ना सप्लाई शुरू न करके इसी तरह शांतिपूर्ण ढंग से समय गुज़ारते रहेंगें। जिस पर सहमति न बन पाने से मामला जस का तस बना हुआ है।

ईसानगर से एकलव्य पाठक की रिपोर्ट 

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