ईसानगर/धौरहरा खीरी। धौरहरा कस्बा मे चल रहे धौरहरा महोत्सव के अंतिम दिन पुरस्कार वितरण सम्मान समारोह और विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। मंगलवार को महोत्सव का समापन कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह के साथ किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रांत समरसता प्रमुख राज किशोर जी मौजूद रहे। कवि सम्मेलन की शुरुआत कवि आशुतोष शुक्ला ने मां शारदे की वाणी वंदना से की। संचालन धीरज मिश्रा ने किया। कवि ज्ञान प्रकाश आकुल ने पढ़ा. मानता हूं कि हमारे लिए गंगाए गीता एगाय और गायत्री गणेश से बड़ा नहीं किंतु आर्त हो पुकारती है भारती तो कोई धर्म मेरे लिए देश से बड़ा नहीं। कवि शोभित तिवारी ने पढ़ा. नारियों की ओर जो भी डालते कुदृष्टि नित्य छातियों पर उनके भी गोली होनी चाहिए। धीरज मिश्र ने पर्यावरण पर कविता पढ़ सबका मन मोह लिया. हे विराट वृक्ष तो क्षमा हम तुम्हें बचा नहीं सके। शाश्वत अभिषेक ने पढ़ा. दुखी त्रासित जमाने के हृदय उद्गार लिख दूंगा गरीबी पर प्रशासन की करारी मार लिख दूंगा। कवि आशुतोष शुक्ला ने अपनी सुंदर प्रस्तुति से सबको ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा महेश मिश्राए राजहंस मिश्राएप्रभात बाजपेयी और जगदीश पांडे ने काव्यपाठ से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया कवि सम्मेलन की अध्यक्षता अचल अवस्थी ने की। धौरहरा महोत्सव मे अपना अहम योगदान देने वाले व प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सुरेंद्र दीक्षितएयोगेंद्र मिश्राएतरुण अवस्थीएप्रमोद तिवारीए हर्षित मिश्राए राहुल जयसवालए रविंद्र साहूएअमन मिश्रा सहित समस्त कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
ईसानगर से एकलव्य पाठक की रिपोर्ट
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