लखीमपुर-खीरी। लखीमपुर शहर के अर्जुनपुरवा मोहल्ले की रहने वाली एक हिन्दू
महिला चंद्रकली बीते तीन साल से रमजान के पाक महीने मे रोजा रख रही है। ताज्जुब की
बात यह है कि इस महिला की इबादत मे उसका पति राकेश व तीनों बेटे पूरा सहयोग करते
हैं।
रमजान के अलावा आम दिनों मे भी चंद्रकली प्रत्येक दिन नमाज पढ कर अल्लाह
की इबादत करती है। रमजान के पाक महीने के पहले दिन से ही चंद्रकली नियमानुसार रोजा
रह रही है। चंद्रकली ने बताया कि करीब पांच साल पहले वह काफी बीमार पड गई थी।
लखीमपुर से लेकर लखनऊ तक के बडे अस्पतालों
मे भी इलाज के बाद भी कोई राहत न मिली। तब एक करीबी रिश्तेदार ने पूरनपुर के निकट
स्थित गोहलईया शरीफ मजार पर जाने की सलाह दी।
हर तरफ से थकहार वह अपने पति के साथ गोहलईया शरीफ मजार पर जाकर इबादत करने
लगी। कुछ हफ्तों मे ही उसकी बीमारी ठीक होने लगी और धीरे धीरे वह बिल्कुल स्वस्थ्य
हो गई। इस चमत्कार के बाद से ही चंद्रकली की इस्लाम धर्म मे आस्था बढ गई।
चंद्रकली ने बताया कि बीते तीन साल से वह लगातार रोजा रख रही है तथा नमाज
भी पढती है जिसमे उसके पति राकेश समेत तीनों बेटे कुलदीप, सूरज व अमित पूरा सहयोग
करते है। चंद्रकली का कहना है कि ईश्वर और अल्लाह सब एक ही है। सच्चे मन से मांगी
मुराद हमेशा पूरी होती है। रोजा रखने से आपकी मनोकामना पूरी होती है तथा आपका
स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।
लखीमपुर से कमलजीत सिंह की रिपोर्ट
إرسال تعليق