निघासन-खीरी। ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत खेत में चारा लेने गए एक किसान को
बाघ ने अपना निवाला बना डाला। किसान का शव दूसरे दिन गन्नें के खेत में पड़ा मिला।
उसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरा।
सूचना के बाद भी जब वनविभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची तो ग्रामीण और
महिलाएं आक्रोशित हो गए और शव को न ले जाने की जिद करते हुए काफी नोकझोक हुई। काफी
जद्दोजहद के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
इस दौरान दुधवा टाइगर रिजर्वजोन के उपनिदेशक, डाक्टर अनिल पटेल, सीओ
सविरत्न गौतम, एसडीएम अखिलेश यादव, तहसीलदार पूरन सिंह राना, नायब तहसीलदार ज्ञान
प्रताप सिंह, प्रभारी उपनिरीक्षक राकेश सिंह समेत सिंगाही पुलिस ने वहां पर डेरा
जमा रखा है।
गांव सहतेपुरवा निवासी 45 वर्षीय कामता प्रसाद भार्गव गुरूवार की सुबह
करीब पांच बजे मवेशियों के लिए चारा लेने पश्चिम उत्तर तरफ स्थित खेत में चारा
लेने गया था। जब वह घर नहीं लौटा तो परिवार वालों ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन उसका
पता नहीं चल सका। शुक्रवार सुबह मृतक का भतीजा राजेश और गांव के कई लोग उसकी एक
बार फिर खोजबीजन करने के लिए निकले। उसके खेत के पास में स्थित मेलाराम के गन्नें
के खेत में साइकिल और उसकी चप्पल दिखाई पड़ी।
राजेश ने इसी बीच गन्नें के खेत में बाघ को बैठे देखा। ग्रामीणों को देखकर
बाघ ने दहाड़ लगाई। अन्य ग्रामीणों और ट्रैक्टर आदि के पहुंचने पर बाघ को खदेडा
गया। बाघ जंगल की ओर चला गया। बाघ ने नीचे का हिस्सा पूरी तरह से खा लिया था। मौके
पर पहुंची पुलिस ने भी ग्रामीणों संग मिलकर बाघ को खदेडने में मदद की।
वनविभाग को ग्रामीणों ने सुबह सूचना दी गई लेकिन वनविभाग के न आने पर
ग्रामीण आक्रोशित हो गए और शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने से मना करते हुए
पुलिस से भिड गए। करीब दो घंटे तक सीओ सविरत्न गौतम, नायब तहसीलदार ज्ञान प्रताप सिंह
और सिंगाही एसओ अजय मिश्र, दरोगा हेमंत तिवारी आदि ने महिलाओं को काफी समझाया,
उसके बाद शव को ले जाने दिया।
इस बीच बाघ घटना स्थल से करीब आधा किलोमीटर दूर जाकर बंगलहा निवासी महेश
के गेहूं के खेत में जा छिपा। ग्रामीणों ने चारों तरफ से खेत की घेराबंदी कर ली।
लुधौरी रेंज के रेंजर पलटूराम राना संग वनविभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई। टीम
द्वारा जाल आदि लगाकर बाघ को पकड़ने की कोशिश की जा रही थी।
निघासन से विनोद गुप्ता की रिपोर्ट
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