मोहम्मदी-खीरी। लगभग सात वर्ष पूर्व मोहम्मदी तहसील में लेखपालों व वकीलों
के मध्य हुए विवाद में लेखपालों की गोली से हुई दो वकीलों की मौत के मुख्य आरोपी
लेखपाल को शासन द्वारा पदोन्नति कर कानूनगो बनाकर नियुक्ति दिये जाने से
अधिवक्ताओं ने रोष व्यक्त करते हुए श्रीरामपुरी सभागार में बार संघ अध्यक्ष
गोविन्द जी खरे की अध्यक्षता में बैठक की, जिसमें अधिवक्ताओं ने कलम बन्द हडताल
करते हुए सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि पदोन्नति कानूनगो का जिले से स्थानान्तरण
कर उसकी पदोन्नति को निरस्त किया जाए, ऐसा न किये जाने पर अधिवक्ता अनिश्चित कालीन
हडताल करेंगे।
ज्ञात हो कि 3 सितम्बर 2011 को लेखपाल आदि अंतर कृष्ण अवस्थी व वकीलों के
मध्य किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। विवाद काफी बढ जाने से लेखपालों ने तहसील
परिसर में अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी, जिससे दो बेगुनाह वकील प्रदीप दीक्षित
व अरविन्द प्रकाश तिवारी की मौके पर मौत हो गयी थी।
घटना के मुख्य आरोपी लेखपाल आदि अंतर कृष्ण अवस्थी के जेल से छूट जाने के
उपरान्त शासन ने उसे पदोन्नति कर कानूनगो बनाकर निघासन तहसील में नियुक्ति दे दी थी,
जहां निघासन के वकीलों ने उक्त आरोपी कानूनगो के विरूद्ध हडताल शुरू कर दी थी,
हरकत में आये शासन ने उक्त कानूनगो का मितौली तहसील स्थानान्तरण कर दिया, वहां के
वकीलों ने भी उक्त आरोपी का स्थानान्तरण किये जाने की मांगकर हडताल शुरू कर दी है।
उसी संदर्भ में आज मोहम्मदी के वकीलों ने भी दूसरे दिन लगातार हडताल रखकर
अपना विरोध जताया, और न्यायिक कार्य से विरत रहे। वकीलों की मांग है कि उक्त
हत्यारे कानूनगो को जिले से बाहर स्थानान्तरण कर उसकी पदोन्नति निरस्त की जाए, ऐसा
न करने पर सभी अधिवक्ता अनिश्चित कालीन हडताल करेगें।
बैठक में मुख्य रूप से महामंत्री उमेश भार्गव, पूर्व बार संघ अध्यक्ष राम
खिलावन मिश्रा, विजय चन्द्र पाण्डेय, नरेन्द्र सिंह, उदित शर्मा, दीपक गुप्ता,
अशोक यादव, सर्वेश त्रिवेदी, सुमन मिश्रा, जितेन्द्र कुमार, कैलाश वर्मा, दिवाकर
बाजपेयी सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।
मोहम्मदी से हरविन्दर सिंह की रिपोर्ट
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