बेलरायां-खीरी। बाघ की लुकाछिपी खेल से ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है,
किसी अनहोनी घटना के चलते लोगों का खेत खलिहान जाना बन्द हो गया है। वन विभाग की
लापरवाह कार्यशैली के चलते बड़ी घटना से इनकार नही किया जा सकता जिसके चलते
ग्रामीणों में आक्रोश ब्याप्त है। हांलाकि वन विभाग के अधिकारी टाइगर को जंगल मे
चले जाना बता रहे हैं लेकिन ग्रामीणों में खौफ बरकरार है।
दुधवा टाइगर रिजर्व की बेलरायां वन रेंज के समीप उत्तर खीरी वन प्रभाग
निघांसन क्षेत्र में सिंगाही थाना क्षेत्र के नौरंगाबाद, मनमदपुर, महादेववा टांडा
व इसके आसपास क्षेत्र में हफ्ता भर से ग्रामीणों व टाइगर के बीच आंख मिचैली का खेल
चल रहा है। इस आंख मिचैली के खेल में वन विभाग की लापरवाही से कितनी बड़ी घटना हो
सकती है ये तो आने वाला समय ही बताएगा।
हाँलाकि गन्ने के खेतों में बाघ के आने की सूचना पर सिंगाही थाना प्रभारी
अजय कुमार मिश्रा अपनी टीम संग पहुंचे, उसके बाद वन विभाग व तहसील प्रशासन भी बाघ
की लोकेशन ट्रेस करने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली सप्ताह बीत जाने के बाद
जेबीसी मशीन से बाघ को भगाने की कोशिश में किस हद तक वन विभाग कामयाब हुआ है वो
अलग बात है।
उत्तर खीरी वन विभाग निघांसन क्षेत्रीयवनाधिकारी एमएन सिंह के बताए
मुताबिक बाघ लुधौरी क्षेत्र के रमसगरा झील की तरफ गया झील में पानी पिया उसके
पगमार्क के निशान मिले है। जानकार बताते है कि ये प्रेग्नेंट मादा टाइगर सुरक्षित
स्थान की तलाश में है।
इस सम्बंध में दुधवा टाइगर रिजर्व बेलरायां के क्षेत्रीय वनाधिकारी अशोक
कुमार कश्यप ने बताया कि टाइगर मानव के ऊपर हमला जब तक नही करता जब तक उसको ये
आभास न हो कि उसकी जान का खतरा है इसलिए सभी लोगों की आगाह करते हुए कहा कि वन
विभाग पूरी सतर्कता से बाघ की मॉनिटरिंग कर रहा है।
जहर से हो गई थी मादा टाइगर की मौत
2004 में दुधवा टाइगर रिजर्व बेलरायां रेंज के किनारे बसे गांव कल्लू
पुरवा में मादा टाइगर द्वारा गाय के शिकार करने से गुस्साए लोगों ने गाय के शव पर
जहर डाल दिया था जिस कारण दूसरे दिन मादा टाइगर व तीन बच्चों की गाय का मांस खाने
से मृत्यु हो गई थी जो अपूरणीय छति थी।
बेलरायां से शकील अहमद की रिपोर्ट
إرسال تعليق