घोटालो मे अव्वल होती जा रही है ग्राम पंचायत सिसवारी





निघासन-खीरी। विकास खण्ड निघासन क्षेत्र की ग्राम पंचायत सिसवारी घोटालों मे अव्वल होती जा रही हैं। पहले की भांति इस बार भी सुर्खियों मे आ गई है। ग्रामीणों ने घोटाले की शिकायत सीधे सीएम से कर कार्यवाही की मांग की है।

मामले  की जांच जब निचले स्तर के अधिकारियों को दी गई तो पूरी की पूरी जांच ठंडे बस्ते मे डाल दी गयी। जिससें शिकायतकर्ताओं में रोष व्याप्त है। मामला यही खत्म नही हो रहा, निचले स्तर के अधिकारियों को जब पता चला तो अपने आपको बचाने की जुगत मे लग गये हैं। फिलहाल घोटालों का मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रदेश सरकार की निष्पक्षता पर भी अंगुलियां उठने लगी हैं।

ग्राम पंचायत सिसवारी में शौचालय से लेकर प्रधानमंत्री आवास व खडंजा मार्ग सहित स्ट्रीट लाइट का घोटाला प्रकाश में आया हैं। जो ग्राम पंचायत के हर ग्रामीण की जुबान पर है। इतना ही नही इस ग्राम पंचायत में आये सैतीस प्रधानमंत्री आवास में भी जमकर धांधली की गयी हैं। जो बिना किचन व मानकविहिन एवं पात्रों को कम, अपात्रों को रेवड़ियों की तरह प्रधानमंत्री आवास बांटे गये हैं। जबकि पात्र आवास पाने के लिये अधिकारियों के चक्कर काट-काट कर थक गया। परंतु उसे प्रधानमंत्री आवास नसीब नही हुआ। सिर्फ बजट आने पर आवास दिये जाने का दिलासा ही दिया जाता रहा है।

इस तरह कहते-कहते पूरा साल बीत गया लेकिन आवास गरीबों को नसीब नही हुआ। सबसे खास बात यह हैं कि ग्राम पंचायत सिसवारी हो या खमरिया कोईलार अथवा और कोई ग्राम पंचायत हो, प्रधानमंत्री आवास को तो बेचा जाता है जिसकी कीमत दस हजार से पंद्रह हजार में वह भी किस्तों में। लाभार्थी भी दबाव मे आकर दे देता हैं, न देने पर उसकी आवास में अड़चने पैदा कर दी जाती हैं।

इस तरह आवास में बड़े पैमाने पर धांधले बाजी की जा रही हैं। ग्रामीणो का आरोप है कि इस धाधली मे खण्ड विकास अधिकारी आलोक वर्मा का भी हिस्सा रहता हैं। गांवों में लगाई गयी स्ट्रीट लाइटें भी कुछ दिनों बाद ही खराब हो गयी जो प्रकाश की जगह अंधकार की शोभा बड़ा रही हैं। इस तरह सरकारी धन का दुरुपयोग खुलेआम किया जाता रहा हैं।

स्ट्रीटलाइट में की गयी घपले बाजी तथा प्रधानमंत्री आवास एवं शौचालय में गड़बड़ी की शिकायत प्रमुख सचिव तथा मुख्यमंत्री को आनलाइन की गयी थी जिसकी जांच मुख्य विकास अधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारी से कराये जाने के निर्देश दिये थे। शिकायत पर जांच को ठंडे बस्ते मे डाल दिया गया।

योगी के सपने को ठेंगा दिखा रहे अधिकारी
ग्रामीण बताते हैं कि अधिकारी अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को बचाने में जांच में लीपा पोती करना चाहते हैं इसलिए विभागीय अधिकारी मामले को ज्यादा गम्भीरता से नही ले रहे हैं। वहीं योगी सरकार का सपना भृष्टाचार मुक्त हो प्रदेश अपना के फरमान को खुलेआम यहां के जिम्मेदार अधिकारी ठेंगा दिखा रहे हैं।

क्या कहते हैं सीडीओ साहब
पूरे मामले के बाबत जब मुख्य विकास अधिकारी अमित बंसल से वार्ता की गई तो उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आवासों में कमीशनखोरी व मानकों से कोई समझोता नहीं किया जायेगा। शासन के निर्देश हैं कि पात्रों को इसका लाभ मिले, यदि कही ऐसा नही होता हैं तो संबंधित ब्लाक के अधिकारी की जाँच कर कार्यवाही की जायेगी।

निघासन से विनोद गुप्ता की रिपोर्ट

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