छोटी बेटी के हाथ पीले करने के रह गए अरमान




मितौली-खीरी। बीते सोमवार को मोहम्मदी लखीमपुर सड़क हादसे में हुई दम्पत्ति की मौत के बाद परिवार पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा, दोनों बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना तो दंपत्ति ने पूरा कर लिया था लेकिन छोटी बेटी के हाथ पीले करने की हसरत पूरी नहीं हो सकी।

मार्ग दूर्घटना में शिकार हुई उषा तिवारी मितौली सीएचसी में एएनएम के पद पर तैनात थी और वह इसी थाना क्षेत्र के गरगटिया गांव की रहने वाली हैं। बताते हैं कि उषा अपने पति जगदीश के साथ बाइक पर सवार होकर पसगवां सीएचसी में स्टाफ नर्स के पद पर तैनात अपनी बड़ी बेटी छाया से मिलकर अपने घर को वापस जा रही थी।

इसी दौरान सोमवार दोपहर को लखीमपुर मोहम्मदी मार्ग पर हरी नगर के पास अनियंत्रित टैंकर ने उन्हें रौंद दिया। जिससे उन दोनों की मौत घटना स्थल पर ही हो गई। एएनएम ऊषा के परिजनों ने बताया कि दंपति अपनी छोटी बेटी सपना की शादी की तैयारी में लगे थे। सपना इस समय एरा खमरिया में पीएचसी में स्टाफ नर्स के पद कार्यरत है।

सपना के लिए उन लोगों की रिश्ता कैमहरा थाना मैगलगंज गांव से बात चल रही थी। दांपत्य शादी फाइनल करने की कोशिश में लगे थे लेकिन इसी बीच हादसे ने दोनों को निगल लिया। शायद ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था।

ऊषा के दो बेटे हैं जो एक बडा व एक बहन से छोटा है। वह दोनों अभी पढ़ाई कर रहे हैं। छोटी बहन सपना की शादी करने के साथ खुद का भी घर बसाने की जिम्मेदारी अब दोनों भाइयों के कन्धों पर आ गई है।

मितौली से राजन शुक्ला की रिपोर्ट

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