बेलरायां-खीरी। एक तरफ जहां प्रशासन सीमा पर तस्करी रोकने के लिए
प्रतिबद्ध है। तो वही दूसरी तरफ तस्करों द्वारा नेपाल खाद-बीज सहित अन्य
प्रतिबंधित सामान ले जाने वालों की आंधी चल रही है और इस आंधी में सबसे खास बात यह
है सीमा की सुरक्षा में लगी लगभग आधा दर्जन जांच एजेंसियां तस्करों को रोकने के
बजाय अपनी आंखें बंद किये जानबूझकर अनजान बनी हुई है। जो क्षेत्र में चर्चा का
विषय बना हुआ है।लोग दबी जुबान में कहने को मजबूर हैं कि बहती गंगा में सभी हाँथ
धो रहे है।
इंडो-नेपाल सीमा की निगरानी के लिए सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल के अलावा लगभग
आधा दर्जन जांच एजेंसियों के लगे होने के बावजूद सीमा पर तस्करों का बोलबाला है।
बीज से लेकर कीटनाशक दवाओं, चीनी, गुड़, खाद सहित बहुत सी चीजों को जिन पर सरकार की
तरफ से सब्सिडी मिलती है। पर प्रतिबंध होने के बावजूद गुलरिया घाट, डॉक्टर घाट,
मरिया घाट से नेपाल जाने वाले तस्करों की आंधी चल रही है।
सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों की सांठगांठ से तस्करों के हौसले इतने
बुलंद हैं कि दिन में ही सैकड़ों की तादात में खुलेआम साइकिल, मोटरसाइकिल,
थ्रीव्हीलर, मैजिक से खाद सहित अन्य प्रतिबंधित सामान भारत-नेपाल की सीमा पार कर
तस्कर मोटी कमाई कर सभी को खुश किये हुए है जिस कारण उनको रोकने के बजाय एसएसबी
सहित अन्य जांच एजेंसियां खामोशी से सब कुछ होता हुआ देख मौन है जो क्षेत्र में
चर्चा का विषय बना हुआ है।
किसान गुरबाज सिंह, आशाराम, हरजिंदर सिंह ने बताया कि हम लोगों की जमीनें
नेपाल सीमा के किनारे और कुछ जमीनें भारत-नेपाल की सीमा को विभाजित करती मोहाना
नदी के पार नेपाली क्षेत्र की तरफ हैं। उन जमीनों में खड़ी फसलों में खाद डालने के
चलते ले जाने पर जांच एजेंसियों की काफी प्रताड़ना सहनी पड़ती है।
कई बार तो ऐसा हुआ कि एसएसबी ने अपनी जमीन में खाद डालने के लिए ले जाने
पर खाद का सीजर बना दिया और जो लोग नेपाल खाद तस्करी में लगे हुए है उनको कोई
पूँछने वाला नहीं हैं। क्योंकि जांच एजेंसियों की तस्करों की सांठगांठ के चलते आम
जनता परेशान है और तस्कर खुशहाल है। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द किसानों का एक दल
जांच एजेंसियों से हो रही प्रताड़ना की शिकायत व किसानों के सामने आ रही परेशानियों
से सांसद को अवगत कराएगा।
बेलरायां से शकील अहमद की रिपोर्ट
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