बेलरायां-खीरी। मानव व वन्य जीवों के संघर्ष को रोकने के लिए वन कर्मियों को
दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन दुधवा पर्यटन परिसर में किया गया जिसमें रेस्क्यू व ट्रेंकुलाइज
एक्सपर्ट टीम की गैर मौजूदगी में फॉरेस्टर, फॉरेस्टगॉड व वन दरोगा वन्य जीवों को रेस्क्यू
व ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित दुधवा टाइगर के जंगल मे छोड़ सकें।
दुधवा टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सौजन्य
से दुधवा पर्यटन परिसर में मानव तथा वन्य जीवों के संघर्ष की रोकथाम के लिए दो दिवसीय
प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। उक्त प्रशिक्षण में वन कर्मियों में मुख्यरूप से फोरेस्टर,
फोरेस्टगार्ड, वनदरोगा को वन्य जीवों को रेस्क्यू करने और ट्रेंकुलाइज करने का प्रशिक्षण
दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान वन कर्मियों को मौके पर ही डेमो भी कराया गया।
प्रशिक्षण में वन दरोगा पुष्कर सिंह, सन्त प्रकाश त्रिपाठी, महेंद्र नाथ मिश्रा,
मनोज पाठक, उमर खान व वन्य जीव रक्षकों में अमित गंगवार, स्वतंत्र कुमार, रोहित मिश्रा,
नरेंद्र कुमार, उप निदेशक अनिल पटेल, दुधवा टाइगर रिजर्व, डी0 के0 चतुर्वेदी वन्य जीव
प्रतिपालक दुधवा, प्रेम चंद्र पाण्डेय डब्ल्यूटीआई डॉ0 रितिका माहेश्वरी, पशु चिकित्सक
डब्ल्यूटीआई नई दिल्ली, श्री फ्रांसिस इस्माइल, बायोलॉजिस्ट डब्ल्यूटीआई सहित अन्य
वनकर्मी उपस्थित रहे।
इस सम्बंध में दुधवा उपनिदेशक अनिल पटेल ने बताया कि वन्यजीवों को रेस्क्यू
तथा ट्रेंकुलाइज करने का वन कर्मियों का प्रशिक्षण लेना एक साहसिक कदम है और एक्सपर्ट
टीम की गैर मौजूदगी में प्रशिक्षण प्राप्त वन कर्मी वन्य जीवों को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित
दुधवा टाइगर के जंगल मे छोड़ सकेंगे जिससे मानव तथा वन्य जीवों में हिंसक झड़पों को रोके
जाने में महत्वपूर्ण कदम है।
बेलरायां से शकील अहमद की रिपोर्ट
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