मोहम्मदी-खीरी। तहसील प्रशासन द्वारा बस अड्डे पर बनवाया गया अस्थाई रैन
बसेरा आवारा कुत्तों का बसेरा बना हुआ है, तहसील प्रशासन रैन बसेरे के नाम पर तंबू
खड़ा कर तथा उसके अंदर गन्ने की सूखी पत्ती डालकर कानों में तेल डाले सो रहा है और
रैन बसेरे में कुत्ते आराम फरमा रहे हैं।
ज्ञात हो प्रत्येक वर्ष ठंड में नगर के बस स्टैंड पर तहसील प्रशासन द्वारा
एक अस्थाई रैन बसेरा बनवाया जाता है। मीडिया में तमाम खबरें लगने के बाद इस बार भी
तहसील प्रशासन ने तंबू खड़ा कर एक अस्थाई रैन बसेरा बस अड्डे के बाहर बनवाया। तंबू
के अंदर गन्ने की सूखी पत्तियां बिछाकर तहसील प्रशासन ने अपने कर्तव्य की इति श्री
कर ली।
रैन बसेरे में रजाई गद्दे का कोई इंतजाम नहीं है तो आखिर रात में रुकने
वाले रुके तो कैसे जिस रैन बसेरे में आदमियों के रुकने का इंतजाम ना हो वहां
कुत्ते को अपना ठिकाना बना ही लेंगे। वर्तमान में इस रेन बसेरे में आवारा कुत्ते
आराम फरमाते देखे जा सकते हैं तंबू खड़ा कर मीडिया मे खबरें छपवाने के बाद तहसील के
किसी भी अधिकारी ने पलट कर यह भी नहीं देखा कि रैंन बसेरे में रुकने का इंतजाम है
भी या नहीं और तो और रैन बसेरे पर एक बैनर लगाया गया है जिस पर लेखपाल से लेकर उप
जिलाधिकारी तक के नंबर लिखे हैं तथा नीचे लिखा है कि एक स्थाई रैन बसेरा गुलोली
रोड पर है।
स्थाई रैन बसेरे का निर्माण पूर्व विधायिका कृष्णा राज ने करवाया था
वर्तमान में यह रैन बसेरा अतिक्रमण का शिकार है रैन बसेरे की पूरी इमारत पर दमकल
विभाग के कर्मचारियों का कब्जा है और वहां यात्रियों के रुकने की कोई व्यवस्था
नहीं है।
मोहम्मदी से हरविन्दर सिंह की रिपोर्ट
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