सिंगाही-खीरी। शुक्रवार रात कस्बे के ऐतिहासिक काली माता मंदिर में दुबारा
मूर्ति चोरी का प्रयास किया गया। इस बार चोर मूर्ति को गर्भ गृह से निकाल कर दीवार
तक लेकर चले गए। दीवार ऊंची होने के चलते मूर्ति को मंदिर परिसर के बाहर ले जाने
में असफल रहे। सूचना के बाद पहुंचे सी ओ और एसओ ने मौके का निरीक्षण किया। इसके
बाद फोरेंसिक टीम बुलाकर मामले की जांच शुरू करा दी गई है।
कस्बे के मोहल्ला छावनी में राजपरिवार का ऐतिहासिक काली माता मंदिर बना
है। जिसकी देखरेख राजपरिवार द्वारा की जाती है। मंदिर के गर्भ गृह में अष्टधातु से
बनी करीब पचास किलो से ऊपर की मूर्ति स्थापित है। इस मूर्ति की कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपए आंकी
जाती है। इस मूर्ति को चुराने के लिए बीते 15 दिसंबर की रात चोर दाखिल हुए थे और
मूर्त चोरी करने के लिए गर्भ गृह के दरवाजों के सारे ताले तोड़ डाले थे।
इसी बीच चैकीदार के जगने पर चोर भाग गए थे। चोरों ने एक बार फिर पुलिस को
चुनौती देते शुक्रवार रात दीवार फांदकर मंदिर परिसर में प्रवेश किया। इसके बाद
गर्भ गृह तक पहुंचकर दरवाजे की कुंडी उखाड़ दी और मूर्ति निकाल कर संस्कृति पाठशाला
के बरामदे में रख दी। इसके बाद मंदिर की दीवार से सीढी लगाकर मूर्ति को बाहर
निकालने का प्रयास किया लेकिन किसी कारणवश बाहर नहीं ले जा सके।
मंदिर का पुजारी सुबह जब पहुंचा तो मूर्ति को गायब देखकर हैरान रह गया।
आसपास तलाश की तो वह पाठशाला के बरामदे में पड़ी दिखी जिसके बाद उसने चैकीदार विनोद
की मदद से मंदिर रख दिया। इसके बाद घटना सूचना मनुराज प्रताप सिंह और तोताराम जोशी
को दी। जिस मनुराज ने पुलिस को सूचित किया।
सूचना मिलने पर एसओ अजय कुमार मिश्र मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी
उच्च अधिकारियों को दी। इसके बाद सी ओ सविरत्न गौतम फोरेंसिक टीम के साथ मंदिर
पहुंच गए। फोरेंसिक टीम और पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है।
सिंगाही से मसरुर खान की रिपोर्ट
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