निघासन-खीरी। थाना निघासन क्षेत्र मे बाघ की चहल कदमी के कारण किला
जंगल की तराई में बसे गांवो के ग्रामीणों
में दहशत व्याप्त हो गयी है। रविवार को जंगल के पास स्थित खेतों में चर रहे
मवेशियों में से एक मवेशी को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। मवेशी का शव दूसरे दिन
खेत के पड़ोस की झाड़ियों से बरामद हुआ है।
ग्रामीणों द्वारा घटना की सूचना वन विभाग को दी गई, सूचना मिलने पर पहुँची
वन विभाग की टीम ने घटना स्थल का मौका मुआयना कर पीड़ित पशुपालक को विभाग द्वारा
आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि दो तीन दिन से
लगातार बाघ व उसके पदचिन्हों के देखे जाने के कारण ग्रामीण खेतों की ओर जाने से
घबरा रहे हैं।
रविवार को दोपहर के समय में अपने मवेशियों को चराने के लिए गये बौधिया
कलाँ निवासी मेवालाल यादव ने बताया कि शाम को जब वह अपने मवेशी लेकर वापस घर लौट
रहे थे उसी समय रास्ते में पहले से ही घात लगा कर बैठे बाघ ने अचानक हमला कर दिया।
मेवालाल ने बताया कि वह अकेला था तो उसने शोर मचाना शुरु कर दिया लेकिन बाघ ने
भैंस को नही छोड़ और झाड़ियों में खीच ले गया।
शोर सुनकर पहुंचे ग्रामीणों की मदद से वह अपने अन्य मवेशियों को लेकर वापस
घर पहुंचा और बाघ के हमले की जानकारी गांव वालों को दी। जानकारी होते ही गांव वाले
बड़ी संख्या में एकत्र हो गए और लाठी डंडों से लैस होकर रात में ही मवेशी की काफी
तलाश की लेकिन कुछ हांथ नही लगा। दूसरे दिन सोमवार को खेतों में काम करने के लिए
जा रहे ग्रामीणों को जंगल के किनारे के एक गन्ने के खेत के पास झाड़ियों में मवेशी
का शव दिखाई पड़ा।
मवेशी का शव देखे जाने की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में गांव वाले मौके
पर पहुंच गए और घटना की सूचना वन विभाग को दी। बाघ द्वारा मवेशी का शिकार करने की
सूचना मिलते ही मौके पर पहुँची टीम ने ग्रामीणों को बताया कि बाघ ने रविवार की शाम
को इस मवेशी का शिकार किया है। इधर कई दिनों से बाघ किले जंगल के किनारे चहल कदमी
कर रहा है।
इस घटना के सम्बन्ध में मझगईं वन क्षेत्राधिकारी राधेश्याम ने बताया कि
मादा बाघ ने मवेशी का शिकार किया है और वह पार्क से निकल कर क्षेत्र के आबादी वाले
इलाके में ही घूम रही है जंगल के किनारे बसे लोगो को थोड़ा होशियार व सतर्क रहने की
अपील की गई है।
निघासन से विनोद गुप्ता की रिपोर्ट
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