बेलरायां-खीरी। भारत-नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा को विभाजित करने
वाली मोहाना नदी के गुलरिया घाट पर पक्का पुल बनेगा। इस खबर से दोनों देशों के
तराई क्षेत्र के रहने वाले ग्रामीणों में खुशी फैल गई थी। पुल बनाने को लेकर नेपाल
की एक टीम सर्वे को भी पहुंची लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक पुल निर्माण कार्य
शुरू न होने से लोगों में मायूसी छाई है और सभी के जहन मे बस एक ही सवाल है कि
आखिर कब बनेगा पुल...?
इस पुल के बन जाने से बाढ़ प्रभावित भारतीय इलाकों के साथ-साथ नेपाल के बाढ़
ग्रस्त गाँवो को भी बढ़ी राहत मिलने के आसार थे जो ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के
लिए किसी वरदान से कम नही था। इसके अलावा दैनिक जरूरत की वस्तुओं को लाने व ले
जाने के लिए दोनों देशों के नागरिकों का लकड़ी की नाव से नदी पार करने की
दुश्वारियों से छुटकारा मिलना था।
नेपाल के काठमांडू कांसलटेंट से आये गुलरिया घाट पर पुल निर्माण के सर्वे
टीम में इंजीनियर सुदीप कार्को, सहायक इंजीनियर दिनेश बूढ़ाठोकी के बतायेनुसार
भारत-नेपाल सीमा पर बह रही मोहाना नदी के गुलरिया घाट पर 100 मीटर लम्बा पुल
निर्माण होना था जिसका सर्वे पूरा कर जल्द पुल निर्माण की बात कही थी। इसमें लागत
व मानक पुल के डिजाइन के हिसाब से पुल निर्माण विभाग तय करेगा।
उन्होंने बताया था कि इस पुल का निर्माण दोनों देशों की सहमति से होना है।
दोनों देशों के उच्चस्तरीय अधिकारियों की वार्ता चल रही है। गुलरिया घाट पर पक्का
पुल निर्माण के लिए वर्षो से ग्रामीणों की मांग रही है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग दैनिक
उपयोग की चीजों को लेने के लिए नाव से जान को जोखिम में डालकर आते.जाते हैं।
पुल बनने के सर्वे से ग्रामीणों का वर्षों पुराना सपना पूरा होता दिख रहा
था। लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद अभी तक पुल निर्माण कार्य शुरू न होने से दोनों
देशों के क्षेत्रीय नागरिकों में मायूसी छाई है।
बेलरायां से शकील अहमद की रिपोर्ट
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