लखीमपुर-खीरी। बारिश के मौसम में हमेशा
शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें बाढ़ की भेंट चढ़ जाती
हैं।
इसके अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में
ग्रामीणों के पूरे के पूरे घर शारदा नदी में समा जाते हैं। रेल यातायात भी बुरी
तरह से प्रभावित हो जाता है और परिवहन सेवा भी ठप हो जाती है। प्रति वर्ष की भांति
इस वर्ष भी बरसात शुरु होते ही शारदा नदी का जलस्तर बढ़ना शुरु हो गया है जिसके
चलते किसानों के दिलों की धड़कने बढ़ने लगी हैं।
इसके बाद भी अभी तक प्रशासन की ओर से बाढ़
बचाव के कोई सार्थक प्रयास शुरू नहीं किए गए हैं। तहसील पलिया के गांव दुबहा
कुवंरपुरकला में लगभग 20 वर्ष से नदी सारदा तबाही मचा रही है] लेकिन प्रसासन ने कोई कदम नहीं उठाए हैं।
ग्रामीणों ने अपने स्तर से ही नावों की
व्यवस्था की है जिनके सहारे ग्रामीण इधर से उधर जाते हैं। प्रशासन द्वारा कोई
ठोस कदम न उठाए जाने से ग्रामीणों में खासा रोष व्याप्त है।
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