लखीमपुर-खीरी। डीएफओ से कंजर्वेटर के पद पर पदोन्नत हुए पीपी सिंह को लखनऊ
के पीसीसीएफ कार्यालय से सम्बद्धता के दौरान गुरूवार को निलम्बित किये जाने की
सूचना मिलते दुधवा कर्मचारी एक बार फिर आक्रोशित हो उठे और सभी कर्मचारियों ने
एकजुट होकर दुधवा मुख्यालय के दफ्तरों में ताले जड़कर कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया।
साथ ही कर्मचारियों ने शुक्रवार से पर्यटन को पूरी तरह ठप करते हुए
आन्दोलन शुरू करने की घोषणा की है। बताते चलें कि कर्मचारियों का किसी प्रकार का शोषण
व उत्पीड़न न किए जाने तथा उनकी प्रमुख मांग पर भी विचार किए जाने का आश्वासन दिए
जाने के बाद गत चार मार्च को हड़ताली कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर काम पुनः
शुरु कर दिया था।
इसके साथ ही कर्मचारी नेताओं ने समझौते में स्पष्ट किया था कि यदि 09
मार्च तक डीएम किंजल सिंह के ट्रांसफर की मांग पर गम्भीरता से विचार करते हुए मांग
पूरी न की गई तो 10 मार्च से पुनः सभी कर्मचारी आन्दोलनरत हो जाएंगे।
09 मार्च तक उनकी मांग पूरी न होने के बावजूद कर्मचारी शांत रहे और अपने
कार्य को पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ करते रहे लेकिन गुरुवार दोपहर कर्मचारी
नेताओं को सूचना मिली कि लखनऊ के पीसीसीएफ कार्यालय से सम्बद्ध कंजर्वेटर पीपी
सिंह को निलम्बित कर दिया गया है।
इस पर सभी वनकर्मचारियों ने पीपी सिंह के निलम्बन को कर्मचारी हड़ताल से
जोड़ते हुए फेडरेशन आॅफ फारेस्ट एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामकुमार के नेतृत्व
में मुख्यालय दफ्तरों में ताले जड़कर कार्य बहिष्कार शुरु कर दिया। कर्मचारियों ने
दुधवा की सभी रेंजों में सूचना देकर कर्मचारियों को मुख्यालय पहुंचने का संदेश दे
दिया तथा पर्यटन को भी शुक्रवार से पूरी तरह से बन्द करने का ऐलान कर दिया है।
क्या कहते हैं डीडी दुधवा
इस सम्बन्ध में वार्ता करने पर दुधवा के डीडी महावीर कौंजलगि ने बताया कि
किसी तरह से कर्मचारियों को समझा-बुझाकर उन्होंने पर्यटन बहाल कराया था और
मुख्यालय सहित रेंजों में भी काम-काज को सुचारू कराने की पहल की थी लेकिन अब उनके
प्रयास पर पानी फिरता नजर आ रहा है। उन्होंने हड़ताल के बाबत अन्य कोई जानकारी देने
से इंकार कर दिया।
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