डीएम को नहीं हटाया गया तो करेंगे आत्मदाह




लखीमपुर-खीरी। दुधवा टाइगर रिजर्व में फेडरेशन आॅफ फारेस्ट एसोसिएशन के बैनर तले हड़ताली कर्मचारियों ने 27वें दिन भी आन्दोलन जोश-खरोश के साथ जारी रहा। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि डीएम किंजल सिंह को हटाए जाने तक उनका आन्दोलन ऐसे ही चलता रहेगा। हड़ताल के क्रम में दुधवा के रूम अटेन्डेंट वाचर शफीक द्वारा आगामी 09 मार्च तक मांग पूरी न होने पर आत्मदाह करने के ऐलान से प्रशासन के हाथ-पांव फूलते दिखाई दे रहे हैं।

मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में दुधवा कर्मचारियों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर आन्दोलन अनवरत जारी रखा। इस दौरान सभी कर्मचारियों ने कर्मचारी एकता जिन्दाबाद, पार्क प्रशासन जिन्दाबाद तथा डीएम खीरी मुर्दाबाद के नारे बुलन्द किए। हड़ताली कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि सोमवार को जिन थारूओं ने दुधवा में चक्का जाम कर जिला प्रशासन के पक्ष में नारेबाजी की उनमें कुछ ऐसे वन माफिया व शिकारी भी शामिल थे जिन पर वन विभाग के तमाम अपराधिक केस न्यायालयों में विचाराधीन हैं।

आरोप यह भी है कि चक्का जाम करने वालों मे एक थारु तो ऐसा भी शामिल था जिसे अपराधिक गतिविधियों के चलते जिलाबदर भी किया जा चुका है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अगर ऐसे तत्वों को जिला प्रशासन का संरक्षण मिला तो भविष्य में वन और वन्यजीवों के भारी नुकसान से भी इंकार नहीं किया जा सकता।

आन्दोलनकारियों में यूनियन के अध्यक्ष पतिराज सिंह, मंत्री विजय कुमार, उपाध्यक्ष रामकुमार, विनय कुमार वर्मा, रेंजर वीसी तिवारी, घनश्याम शुक्ला, वन दरोगा बीपी सिंह तथा शफीक सहित सैकड़ों वनकर्मचारी मौजूद रहे।

डीएम के समर्थन मे आयी थारु जनजाति
पलिया ब्लाक के चन्दनचैकी क्षेत्र मे रहने वाली थारु जनजाति ने जिला प्रशासन के समर्थन में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर दुधवा के डीडी पीपी सिंह को तत्काल निलम्बित कर मामले की जांच कराये जाने तथा डीएम का ट्रांसफर कदापि न करने की मांग की।

थारुओं का कहना है कि जिले में तैनाती के बाद किंजल सिंह ने थारु महिलाओं को इंदिरा आवास आवंटन करने, थारु ग्राम सभाओं को समाजवादी पेंशन मे संलिप्त किये जाने व थारु बच्चियों की शिक्षा के लिए विशेष प्रयास किये जाने सहित तमाम विकास कार्य किये है।

थारुओं का आरोप है कि पूर्व मे दुधवा प्रशासन द्वारा थारुओं का शोषण किया जाता रहा है लेकिन डीएम द्वारा थारुआंें के लिए किये जा रहे प्रयासों से व्यथित होकर वनकर्मचारियो ने डीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

थारुओं का यह भी कहना है कि इस मामले में दुधवा के रेंजरों व डीडी की मुख्य भूमिका है। थारुओं ने सीएम को भेजे ज्ञापन मे कहा कि यदि उनकी मांग पूरी न हुयी तो वह लोग क्रमिक अनशन व भूख हड़ताल के लिए बाध्य होंगे।

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