मौके पर मौजूद डीआईजी |
लखीमपुर-खीरी। खीरी जिले मेें एसपी अखिलेश कुमार की तैनाती के बाद से मानो
जिले मे अपराधों की बाढ़ सी आ गई है। शायद ही कोई ऐसा दिन होता है जब जनपद मे लूट,
डकैती, चोरी व हत्या जैसे जघन्य अपराध न होते हो लेकिन खीरी पुलिस के कान पर जूं
तक नहीं रेंगती। खीरी पुलिस कुम्भकर्णी नींद सोने मे मस्त है और बदमाश रोज नई
वारदातों को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं।
ताजा मामला जिले के सिंगाही थाना क्षेत्र के गांव खैरीगढ में तीन सगी
बहनों के अपहरण का है जहां शनिवार देर रात उस समय तीन बहनो का अपहरण हो गया जब वह
अपनी मां और नौकरानी के साथ घर सेे बाहर आग ताप रही थी। सूचना पर रात में ही एसपी
अखिलेश, डीआईजी डी0के0 चैधरी ने घटना स्थल का मौका मुआयना किया।
पूरे जिले की फोर्स खैरीगढ में तैनात की गई है। अपहृत लड़कियो मे एक
मेडिकल, दूसरी बीए और तीसरी इंटर मीडिएट की छात्रा है। जंगल किनारे बसे गांव
खैरीगढ निवासी रामबली गुप्ता एक बडे फार्मर होने के साथ ही कोल्हू व्यवसाई भी हैं।
रामबली के अनुसार रोज की भांति वह कोल्हू बंद करके खाना आदि खाकर गांव में ही
स्थित दूसरे घर पर चले गए थे। तभी देर रात रामबली की पत्नी मुन्नी देवी और उनकी
बेटियां उपमा (22), रोहिणी (21), संतोषी (18) और उनकी नौकरानी तारा देवी घर के
बाहर बने बंगले में खाना आदि खाकर आग ताप रहे थे।
इसी बीच छः नकाबपोश बदमाश आए और रामबली को गालियां बकते हुए जान से मारने
की धमकी देने लगे और आग ताप रहे पांचों लोगों को असलहे की नोक पर लेकर चल दिए।
बदमाशो ने घर से करीब दौ मीटर की दूरी पर खडी तीन बाइकों पर उपमा, रोहिणी, संतोषी
को बैठा लिया तथा मुन्नी देवी और तारा देवी को घसीटते हुए करीब एक किलोमीटर लेकर
गए बाद में वहां पर मुन्नी देवी के कान के कुंडल छीन लिये और उन दोनो को वहीं
छोड़कर फरार हो गए। किसी तरह से वह दोनों शोर मचाती हुई घर पहची।
मुख्यमंत्री आवास पर फोन के बाद हरकत मे आई खीरी पुलिस ने मौका मुआयना
किया लेकिन उनका सुराग नहीं लग सका। अपहृत लड़कियों की मां के मुताबिक पीड़ित परिवार
से अपहर्णकर्ताओ ने पचास लाख की फिरौती मांगी है। पुलिस दुधवा के जंगलों मे
ग्रामीणांे के साथ लगातार काम्बिंग कर रही है।
मकर संक्रान्ति पर दो दिन पहले आई थीं घर
उपमा कर्नाटक में बीएएमएस कर रही है। रोहिणी लखीमपुर में बीए द्वितीय वर्ष
और संतोषी सिटी मांटेसरी स्कूल में इंटरमीडिएट की छात्रा है। वह लोग दो दिन पहले
ही मकर संक्रान्ति की छुट्टियों पर घर आई थी।
पुलिस की खुली पोल, सौ नम्बर भी नही उठा
अपहृत छात्राओं के मामा राजीव गुप्ता जो कि समाजवादी पार्टी के कद्दावर
नेता हैं, को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने एसओ जेपी यादव, सीओ मोहम्मद
इब्राहिम और एसपी अखिलेश और सौ नंबर पर रात में फोन किया, लेकिन किसी का फोन नहीं
उठा। तब उन्होंने डीएम किंजल सिंह का फोन लगाया। डीएम किंजल सिंह से बात होने के
बाद उन्होंने मुख्यमंत्री आवास का फोन मिलाया। उसके बाद हरकत में आई पुलिस घटना
स्थल पर पहुंची।
बग्गा की लिस्ट में नाम था परिवार वालों का
पुलिस सूत्रों की माने तो आतंक का पर्याय बना बग्गा की हिट लिस्ट में
रामबली गुप्ता का नाम भी था। पहले पुलिस उनके घर पर गश्त भी करती थी लेकिन बग्गा
के साथी डालू गुप्ता के मारे जाने के बाद मामला शांत हो गया और पुलिस हाथ पर हाथ
धरकर बैठ गई थी।
घटना के बाबत जानकारी हेतु जब एसपी खीरी अखिलेश कुमार के सीयूजी नंबर पर
काल की गई तो उनका नंबर नाट रीचेबल ही बताता रहा। एएसपी ए0पी0 सिंह ने भी इस मामले
मे ये कहते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि मैं इन्टीरियर में हूं अभी मै कुछ नहीं बता
पाउंगा।
इसी से खीरी पुलिस की कार्यप्रणाली का अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है।
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