लखीमपुर-खीरी। दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के डीडी पी0पी0 सिंह व डीएम किंजल
सिंह के बीच चल रहे विवाद में मुख्य सचिव आलोक रंजन द्वारा दोनो पक्षों को तलब
किये जाने के बावजूद भी वनकर्मियों का सांकेतिक कार्य बहिष्कार लगातार चैथे दिन भी
जारी रहा जिसके चलते दुधवा मुख्यालय से लेकर पर्यटन परिसर तक के कार्यालय में ताले
झूलते रहे।
ज्ञात हो कि दुधवा नेशनल पार्क के वनकर्मी फेडरेशन आफ फारेस्ट एसोशिएसन के
बैनर तले डीएम किंजल सिंह के खिलाफ लगातार चार दिनों से पर्यटन परिसर में सांकेतिक
कार्य बहिष्कार करते हुए उनके स्थानान्तरण की मांग कर रहे हैं। इसी क्रम में
बुधवार को चैथे दिन भी पार्क के सभी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखी जिसके
चलते दुधवा मुख्यालय से लेकर पर्यटन परिसर तक के कार्यालयों में ताले झूलते रहे।
वनकर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते मुख्यालय पर सुरक्षा गार्डों के
अलावा कोई भी कर्मचारी नजर नहीं आ रहा है, हालांकि पार्क मे आने वाले सैलानियो को
दुधवा की सैर करायी जा रही है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में जंगलों से लकड़ी काटकर ला
रहे कई लकड़कट्टे व शिकारी वन विभाग द्वारा पकड़े जा चुके हैं।
यहां पर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि जब दुधवा के अधिकारियों से लेकर सभी
कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे तो निश्चित ही लकड़कट्टों के साथ-साथ शिकारियों के भी
हौसले बुलन्द हो जाएंगे और निडर होकर वह अपने कार्य को अंजाम देने में लग जाएंगे।
इस सम्बन्ध में दुधवा उपनिदेशक पीपी सिंह से जानकारी लेने की कई बार कोशिश
की गई लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनसे कोई भी सम्पर्क नहीं हो सका।
डीएम के समर्थन में उतरे कुछ वकील
डीएम व वन विभाग के अफसर के बीच हुयी तनातनी के मामले मे लखीमपुर के कुछ
वकीलो ने डीएम के समर्थन मे मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन सौपा।
बुधवार को अधिवक्ता राहुल तिवारी के नेतृत्व में करीब एक दर्जन अधिवक्ताओं
ने कलेक्ट्रेट पहुचकर डीएम के समर्थन मे मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में अधिवक्ताओ ने दुधवा के हड़ताली वनकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये
जाने की मांग की है।
ज्ञापन देने वालों मे सरोज कुमार श्रीवास्तव, नीरज मिश्रा, श्याम जी
द्विवेदी, दयानन्द, रमाकांत नीरज, अनिल तिवारी, नितिन गुप्ता व अनुज मिश्रा शामिल
रहे।
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