लखीमपुर-खीरी। खीरी जिले में बुद्धवार को दि राइजिंग अपने तीसरे पायदान पर
पहुचा। डीएम की पाठशाला मे आज विद्यार्थी थोडा खुशनुमा मूड मे दिखे। कत्थक की
झनकार और थियेटर की टिप्स सीखने मे थारू बालाएं लगनशील दिखी। सोमवार को भव्यता के
साथ शुरू हुयी जिलाधिकारी किंजल सिंह की अहम पहल दि राइजिंग का तीसरा मुकाम काफी
रोचक रहा।
सुबह प्रातः 5 बजे ही आश्रम पद्धाति विद्यालय, कस्तूरबा गांधी बालिका
विद्यालय और एकलव्य विद्यालय की छात्राएं कतारवद्ध होकर चन्दन चैकी चैराहे पर आ
गयी। जिलाधिकारी किंजल सिंह यहां पर पहुची फिर कारवा आगंे बढ़ चला। जिलास्तरीय सहित
सभी अधिकारी जाॅगिंग के लिए होने वाली इस प्रभात फेरी में शामिल हुए।
छात्राओं का यह हुजूम दुधवा रेलवे फाटक तक गया। हम होगें कामयाब एक दिन की
गूंज के साथ बालिकाओं के कदम बढ रहे थे, आत्मविश्वास से लबरेज थारू छात्राओं ने
मुख्य मार्ग पर ही योगा का प्रशिक्षण प्राप्त किया। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से
आयी यारा मैडम ने योगा का महत्व बताते हुए शारीरिक दक्षता से योग क्रियाओं की
जानकारी दी। प्रातःकाल का पहला सत्र जाॅगिंग और योगा के साथ पूरे होते ही डीएम की
पाठशाला धुसकिया की स्टेज नं0 2 पर शुरू हो गयी। पाठशाला में प्राइमरी विद्यालयों
के थारू बच्चे आये थे।
डीएम किंजल सिंह ने इन बच्चों को मोहक अंदाज मे प्रेरक जानकारियां दी और
गीतों के माध्यम से इन बच्चों को राष्ट्र समाज निर्माण की जानकारियों से अवगत
कराया। बच्चें भी काफी हल्के मूड में थे खेल खेल कर पढ़ाई की विधा से जुड़कर
जीवनोपयोगी बाते सिखनें में जुटे रहे बच्चों ने जिलाधिकारी से बाते भी की। अपने घर
परिवार के बारे में बताया और तमाम बातें सीखी, जिलाधिकारी टीचर के लिए रखी गयी
कुर्सी छोड़ दी और बच्चों के बीच पहुच गयी।
उन्होने नन्हे मुन्हे बच्चों से काफी देर तक उनके दैनिक क्रियाकलाप के
बारे में बात की। जिलाधिकारी ने बच्चों को हैण्डवाश और सफाई के लिए प्रेरित किया।
उधर आश्रम पद्धाति विघालय में कथक की झंकार थारू बेल्ट को रोमाचिंत कर रही थी,
कत्थक नृत्य सीखा रही समीक्षा शर्मा ने थारू छात्राओं को नये टिप्स दिये और कई
विधायें बताई, यही पर थियेटर का भी प्रशिक्षण दिया गया।
एकलव्य विद्यालय में बुधवार का दिन थारू छात्राओ के लिए अद्भूत था। उन्हे
आत्म सुरक्षा की जानकारी देतें हुए जूडो कराटे सिखाया गया। जिलाधिकारी किंजल सिंह
की पहल पर आत्म सुरक्षा का विशेष प्रशिक्षण थारूओं को दिया जा रहा है।
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