दरोगा के गांव में पसरा रहा सन्नाटा, मतदान शून्य




लखीमपुर-खीरी। सदर ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत हरदासपुर मे शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के तीसरे चरण मे एक भी वोट नहीं पड़ा और न ही किसी प्रत्याशी का कोई एजेंट बना। यहां के सभी ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया है।

बताते चलें कि हरदासपुर निवासी दरोगा मनोज मिश्र बरेली के थाना फरीदपुर में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात थे। गत 09 सितम्बर की रात पशु तस्करों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। शहीद दरोगा के परिजन घटना की सीबीआई जांच कराने के साथ ही मनोज की पत्नी व बच्चों के भरण पोषण एवं शिक्षा के लिए पचास लाख रुपए के मुआवजे की मांग को लेकर 14 अक्टूबर से अनशन पर बैठे हैं।

इसी के चलते दरोगा के परिजनो का समर्थन करते हुए पूरे गांव ने शनिवार को पंचायत चुनाव का पूर्ण बहिष्कार किया और यहां आखिरी समय तक एक भी वोट नहीं पड़ सका जिससे पूरा दिन बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा तथा पोलिंग पार्टी अपनी ड्यूटी खत्म करके बैरंग वापस आ गई। मौके पर पहुचे प्रशासनिक अधिकारी भी उन्हें समझाने मे नाकाम साबित हुए। 

प्रदर्शन के बाद मिली थी 20 लाख की सहायता.....
दरोगा मनोज मिश्र की हत्या के बाद उनके परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन करते हुए मामले की सीबीआई जांच एवं पचास लाख रुपए के मुआवजे की मांग की थी। बाद में सीओ बरेली सतेन्द्र कुमार सिंह ने दरोगा के परिजनो को 20 लाख की सहायता राशि चेक प्रदान की थी। साथ ही खीरी के तत्कालीन एसपी अरविन्द सेन ने भी 51 हजार की नकद सहायता राशि प्रदान की थी।

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