लखीमपुर-खीरी। बच्चों को कुपोषण से बचाकर उनके जीवन को सुरक्षित बनाये
रखने के लिये गर्भवती माताओं तथा 0-6 वर्ष तक के बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं
को ग्राम स्तर के गरीबतम परिवारों तक पहुंचाना हमारी सरकार का लक्ष्य है और इस
लक्ष्य को सभी विभाग पारस्परिक समन्वय के साथ ही प्राप्त कर सकतें हैं।
कलेक्टेट सभागार में आयोजित राज्य पोषण मिशन की कार्यशाला के दौरान उक्त
विचार व्यक्त करते हुए उ0प्र0 टैक्नीकल सपोर्ट यूनिट के अधिशाषी निदेशक विकास
गोठवाल ने कहा कि यदि इस योजना का सही तरीके से कार्यान्वयन हो गया तो समाज में
क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। सभी विभाग टीम भावना से संकल्पवद्ध होकर
जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बेसहारा तथा साधनविहीन परिवारों तक पहुंच
बनायें।
उन्हांेने कहा कि हर मां तथा बच्चंे को एक अच्छे अस्पताल की जरूरत होती है
अतः इसमें स्वास्थ्य विभाग की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। गर्भवती महिलाओं को
गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र या पंचायत घर में बुलाकर उनकी समस्याओं तथा उन्हें
मिलनेें वाली सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा कर सकतें है जिसके परिणामस्वरूप
गर्भकाल,प्रसव या उसके बाद होने वाली तकलीफों से उन्हें मुक्ति दिलायी जा सके।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक डा0 राजेश झा ने कहा कि जिस
तरह की माइक्रोप्लानिंग से पोलियो कार्यक्रम में सफलता प्राप्त हुई है उससे भी
श्रेष्ठ माइक्रोप्लानिंग पोषण मिशन के लिये भी तैयार करनी होगी। उन्होंने सुझाव
दिया कि ग्राम सभा, ब्लाक तथा जिला स्तर पर इस योजना में शामिल विभागों की मासिक
समीक्षा बैठक नियमित रूप से होती रहनी चाहिये।
जिलाधिकारी किंजल सिंह ने कहा कि अमीर लोगों की तुलना में दूरदराज के
देहाती क्षेत्रों के गरीब परिवारों की गर्भवती महिलाओं तथा उनकें बच्चों को
प्रांरभिक तथा जरूरी सुविधाये न मिल पाने के कारण जन्मदर प्रभावित होती है इसलिए
जिला प्रशासन ने अब तय कर लिया है कि किसी
भी गर्भवती माॅं तथा बच्चें को कुपोषण के कारण मरने नही देना है और व्यापक स्तर पर
इस मिशन के अंतर्गत प्राप्त सुविधाओं को इन गरीब परिवारांे तक पहुचाना हंै।
इसी संदर्भ में उन्होनें कलेक्ट्रेट प्रांगण में मौजूद सभी विभाग के
अधिकारियों, विभिन्न व्यावसायिक सगंठनो के प्रतिनिधियों आदि को स्वस्थ्य मां एवं
स्वस्थ्य संसार की शपथ दिलवायी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने सभी से वादा कराया कि
पुरानी परम्पराओं को तोड़ते हुए बेटा या बेटी दोनों के जन्म पर बिना किसी भेदभाव के
एक समान जश्न मनायेंगे, एक समान दोनों को प्यार देंगे उनको स्वस्थ्य रखेगें एवं एक
समान शिक्षा सुनिश्चित करेंगे जिससे कि एक स्वस्थ्य समाज का निर्माण हो सके।
कार्यशाला में मुख्य विकास अधिकारी नितीश कुमार ने मिशन को सफल बनाने के
लिये उपयोगी सुझाव दियें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी0के0साहू ने उपलब्धियों की
जानकारी देते हुए नये सिरें से माइक्रोप्लानिंग तैयार करवाने की बात कही।
लखनऊ से आये अन्य अधिकारियों ने वर्कशाप में ग्रुप मंत्रणा के दौरान आशा,
एएनएम, आंगनबाड़ियों आदि की समस्याओं की जानकारी ली तथा रचनात्मक सुझाव दिये।
कार्यशाला का प्रबुद्ध संचालन बेसिक शिक्षा अधिकारी डा0 ओपी राय ने किया।
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