लखीमपुर-खीरी। जिले के थाना निघासन क्षेत्र मे झोलाछाप डाक्टरो के इलाज से
मौत होने का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है जिसके चलते आये दिन गरीब मरीज
झोलाछाप डाक्टरो के इलाज से मौत का शिकार होते जा रहे है।
झोलाछाप डाक्टरों के इलाज से इतनी मौते होने के बाद भी विभाग खामोश बना
हुआ है। ग्राम मिर्जागंज मे एक मासूम बालक की झोलाछाप ंडाक्टर के उपचार से मौत हो
गयी। परिवार वालो ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया है।
जानकारी के अनुसार ग्राम मिर्जागंज निवासी रामखेलावन का एक वर्षीय छोटू
डायरिया से ग्रस्त हो गया जिस पर परिजनो ने निघासन के एक प्राईवेट क्लीनिक पर इलाज
कराया जिसके बाद हालत मे सुधार न होने के कारण प्राईवेट चिकित्सक ने जिला अस्पताल
के लिए रेफर कर दिया।
परिजनो ने देर होने के कारण घर न जाकर रकेहटी के एक झोलाछाप डाक्टर से
इलाज कराया परन्तु झोलाछाप डाक्टर ने संतोषजनक इलाज करते हुए उसका उपचार किया और
घर के लिए रवाना कर दिया उधर परिवार वाले जब घर के लिए रवाना हुए तो रास्ते मे ही
बच्चे ने दम तोड दिया। इस तरह झोलाछाप डाक्टरो के इलाज से मौत होने का सिलसिला
जारी है।
ज्ञात हो कि बीते दिवस भी ग्राम तारानगर मे झोलाछाप डाक्टर के उपचार से एक
वृद्ध की मौत हो चुकी है। इसके अलावा रानीगंज, रकेहटी, अदलाबाद, झण्डी,
बिरजीपुरवा, सहित कई गांवो के लोग झोलाछाप डाक्टर के उपचार से असमय काल के गाल मे
समा चुके है, बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साधे हुए है।
इस सम्बन्ध मे सीएमओ वी0के0 साहू से जानकारी करने पर उन्होने बताया कि
हमने सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारियों को एक सप्ताह
पूर्व ही पत्र लिखकर झोलाछाप अपंजीकृत डाक्टरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ
प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए हैं, जिस पर वह कार्यवाही कर रहे है।
यह पूछे जाने पर कि अभी तक जनपद मे कितने झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ
एफआईआर दर्ज करायी गई है, इस पर उन्होने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि मैं इधर लखनऊ
की मीटिंगों मे ज्यादा व्यस्त हूं, कोई एफआईआर दर्ज हुयी भी है या नहीं इसके बारे मे
मुझे कोई जानकारी नहीं है।
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