लखीमपुर-खीरी।
जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों मे नाले, गड्ढे व नहर मे डूबकर सात बच्चों की मौत
हो गई। पहली घटना थाना निघासन के गांव नारेंद्र नगर बेली की है जहां घाघरा नदी से
निकले सोतिया नाले में मवेशियों को पानी पिलाने गए चचेरे भाई बहन की उसमें डूबकर
मौत हो गई। परिवार वालों ने दोनों शवों को नाले से बाहर निकालकर उनका अंतिम
संस्कार करा दिया है।
जानकारी
के अनुसार गांव नारेंद्र नगर बेली निवासी व्यासमुनी की पुत्री रानी (10) व पुत्र
हरिवंश (11), अपने दोस्त धनवान पुत्र नारायन और चंदन के साथ मंगलवार की सुबह अपने
मवेशियों को घास चराने गए थे। घास चराने के बाद ये बच्चे मवेशियों को घाघरा नदी से
निकले सोतिया नाले में पानी पिलाने के लिए गए।
नाले में
पानी पीते समय हरिवंश की भैंस पानी में भाग पड़ी जिस पर हरिवंश ने भैंस की रस्सी
पकड़कर उसे बाहर निकालने का प्रयास किया लेकिन वह गहरे पानी की ओर चली गई। अधिक
गहराई और बाढ़ का पानी होने के कारण हरिवंश उसमें डूबने लगा। हरिवंश को डूबता हुआ
देखकर अपने मवेशी को पानी पिला रही रानी भी पानी में कूद पड़ी और हरवंश को बचाने का
प्रयास करने लगी।
इतने मे
ही हरिवंश और रानी पानी मे डूबने लगे। यह देख सहमे धनवान और चंदन चिल्लाते हुए
गांव की ओर भागे। डूबने की सूचना पर पहुंचे परिवार वाले और ग्रामीण नाले में कूद
पड़े। करीब पांच मिनट बाद गांव के ही तैराकों ने दोनों को बाहर निकाला लेकिन तब तक
उन दोनों की मौत हो चुकी थी।
वहीं
दूसरी तरफ थाना व कस्बा खीरी के हनियाटोला मोहल्ले के निवासी कंधई का एक पुत्र व
एक पुत्री राकेश (10) व रेशमा (8) तथा कंधई के सगे भाई डालू के दो पुत्र घनश्याम
उर्फ छोटल्ला (10) तथा संजय (13) मंगलवार को क्षेत्र मे स्थित एक भट्ठे के पास से
अवैध खनन किये जाने से बने गड्ढे मे भरे पानी मे नहाने गये थे जहां गीली मिट्टी के
कारण फिसलन बहुत ज्यादा थी और गड्ढा भी काफी गहरा था।
इन चारों
ने जैसे ही एक साथ गड्ढे मे उतरने का प्रयास किया तभी इनके पैर फिसलने से यह सभी
गड्ढे मे जा गिरे और इन सभी की उसमे डूबने से मौत हो गई। एक ही परिवार के चार
बच्चों की एक साथ मौत से परिवार मे कोहराम मचा है।
तीसरी
घटना थाना खीरी की ही चैकी ओयल की है जहां पनौरा निवासी दिलीप कुमार का 07 वर्षीय
पुत्र विशाल नहर के किनारे होकर अपने घर आ रहा था कि अचानक उसका पैर फिसल गया और
वह नहर मे जा गिरा।
प्रत्यक्षदर्शियों
ने आनन फानन मे उसे निकालकर चिकित्सक के यहां पहुचाया, उसकी गम्भीर हालत के चलते
स्थानीय चिकित्सक ने उसे जिला चिकित्सालय हेतु रेफर कर दिया लेकिन जिला चिकित्सालय
मे चिकित्सक उसकी जान नहीं बचा सके। इस तरह एक ही दिन मे हुयी सात मौतों से इनके
परिवारों मे कोहराम मचा है।
प्रशासनिक
सहायता की जानकारी करने पर अपर जिलाधिकारी एसपी सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट आ
जाने के बाद यह देखा जायेगा कि यह दुर्घटना मुआवजा देने की श्रेणी मे आती है या
नहीं, इसके बाद ही कोई सहायता धनराशि पीड़ित परिवारों को दी जायेगी।
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