लखीमपुर-खीरी।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि जनपद में सहकारी गन्ना विकास
समितियों के निर्वाचन में सत्ता पक्ष के लोगों द्वारा अलोकतांत्रिक तरीके से अपने
खास व्यक्तियों को निर्विरोध निदेशक निर्वाचित कराकर लोकतंत्र की हत्या की जा रही
है और जिला प्रशासन मूक दर्शक की भांति तमाशा देख रहा है।
जिले के
लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले व्यक्ति क्षेत्रों से भाग कर जिला मुख्यालय आते है
और अपनी शिकायतें जिलाधिकारी तथा सक्षम अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करते है
परन्तु जिले की प्रशासनिक मशीनरी मौन बैठी हुई है और यहां के लोगों के अधिकारांे
का हनन किया जा रहा है।
प्रेस
विज्ञप्ति के माध्यम से जितिन प्रसाद ने कहा कि जनपद के लोग इस समय अपने आप को ठगा
सा महसूस कर रहे है। जिले में पहले से ही किसान गन्ना भुगतान न मिलने और असमय हुई
बारिस से फसलों के नष्ट हेाने से परेशान है जिसमें जिला प्रशासन ने किसानों की
किसी प्रकार की कोई मदद नही की।
किसान
अपने परिवार का भरण पोषण करने मे घोर कठिनाईयों का सामना कर रहे है और सत्ता पक्ष
के लोगों द्वारा किसानांे को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से इस तरह बाहर करना घोर
निन्दनीय और अच्छम्य है। जितिन प्रसाद ने सहकारी गन्ना विकास समिति मैगलगंज में हो
रहे निदेशक के चुनाव में धांधली का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव को पत्र लिखा है जिसमें उन्होने कहा कि गन्ना विकास समिति मैगलगंज के
निदेशक क्षेत्र संख्या-8 पिपरी अजीज के चुनाव में विनोद कुमार अवस्थी द्वारा
नामांकन किया गया परन्तु इनका नामांकन पत्र चुनाव अधिकारियों द्वारा जानबूझकर गायब
कर दिया गया।
इन्होंने
लिखित रूप में उसी दिन जिलाधिकारी खीरी को आवेदन पत्र गायब होने का प्रार्थना-पत्र
दिया था परन्तु उस पर कोई कार्यवाही नही हुई। उन्होने कहा कि इसके पीछे सत्ता पक्ष
के लोगों की मंशा है कि उनके खास व्यक्ति को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जाये
जो कि लोकतंत्र के लिए घोर निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।
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