लखीमपुर-खीरी। उत्तर प्रदेश की सपा सरकार ताना शाहों की सरकार है, किसानों
के हितों के नाम पर वोट हासिल कर बनी यूपी सरकार ने किसानों के हितों की ओर मुड़कर
भी नही देखा।
यह उद्गार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकान्त बाजपेई ने
जनपद के ब्लाक मितौली क्षेत्र के कस्ता मे स्थित राधेरमण सोना देवी सरस्वती शिशु
मन्दिर में आयोजित किसान महापंचायत में व्यक्त किया, इससे पूर्व भाजपा प्रदेश
अध्यक्ष पत्रकारों से भी रुबरु हुए। उन्होने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री
राजनैतिक दृष्टिकोण से किसानों के मुआवजे का आंकलन करा रहें है जो कि सर्वथा
निन्दनीय है।
साथ ही राजस्व कर्मियों द्वारा किसानों को बगैर सूचना दिए मुआवजे के लिए
गुपचुप तरीके से सर्वेक्षण करके सपा कार्यकर्ताओं को लाभ देने का काम किया जा रहा
है जो कि निन्दनीय है। श्री बाजपेई ने कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री ने असामयिक
बरसात के कारण किसानों की नष्ट हुई फसल के मुआवजे के लिए ग्यारह सौ करोड़ रुपये
उत्तर प्रदेश सरकार को दिए लेकिन राज्य सरकार ने अब तक किसानों को मुआवजा देना तो
दूर किसानों की फसलों का सही आकंलन तक नही कराया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने स्वयं किसानों की फसल बर्बादी को अपनी आंखों से
देखा। इस मौके पर उन्होने उत्तर प्रदेश के किसानों की फसल बर्बादी हेतु किसानों के
साथ संघर्ष करने का ऐलान किया। प्रदेश अध्यक्ष ने लखीमपुर के गन्ना किसानों का
भुगतान शीघ्र कराने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय के निर्देशनुसार जिलाधिकारी से
हस्तक्षेप करने की मांग की।
किसान महापंचायत में क्षेत्र के पथरा निवासी किसान वीर पाल ने कहा कि कोई
भी किसानों की फसल के नुकसान का सर्वे करने नही आया। वहीं किसान अवनीश तिवारी ने
कहा मेरी नौ एकड़ खेत की फसल बर्बाद हो गई लेकिन आज तक नुकसान का आंकलन करने कोई
नही आया फसल सर्वे भी भेदभाव पूर्ण हो रहा है।
किसान मुन्नालाल और सुखविन्दर ने किसान पंचायत में अपनी व्यथा बयां करते
हुए कहा कि एक बीघे में पचास किलों से लेकर एक कुन्तल तक ही उपज मिल पाई है जबकि
राजस्व कर्मियों द्वारा किसानों की फसल का नुकसान केवल 30 प्रतिशत ही आंकलन किया
गया है।
किसान महापंचायत में प्रदेश मंत्री वीरेन्द्र तिवारी, अनूप गुप्ता,
चन्द्रभाल सिंह, पूर्व मंत्री रामकुमार वर्मा, सौरभ सिंह सोनू, भाजपा जिलाध्यक्ष
विनोद मिश्र व रामनरेश लोधी सहित तमाम किसान मौजूद रहे।
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