लखीमपुर-खीरी। उत्तर प्रदेश शासन के लघु
सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव चन्द्र प्रकाश ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में शासन की
प्राथमिकताओं एवं विकास कार्यक्रमों पर सम्बन्धित अधिकारियों एवं कार्यदायी
संस्थाओं की समीक्षा बैठक की।
बैठक मे उन्होने विभिन्न योजनाओं के
अन्तर्गत स्वीकृत रूपया 25 लाख से अधिक लागत के निर्माणाधीन सड़क कार्यों की तथा
डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम की वर्ष 2012-13, 2013-14 तथा 2014-15 में चयनित
ग्रामों के अन्तर्गत विभाग वार प्रगति की समीक्षा की। साथ ही सम्बन्धित विभागों मे
शेष कार्य को 31 मार्च 2015 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये।
सचिव ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से
कहा कि सरकारी योजनाओं का मनोयोग से कार्य पूर्ण करायें तथा गरीबों के हित की
योजनायें बनायें। प्रमुख सचिव ने कहा कि सभी अधिकारी मानवीय संवेदनाओं को ध्यान
में रखकर शासकीय योजनाओं को धरातल पर लायें जिससे कि जनमानुस को अधिक से अधिक
शासकीय योजनाओं का लाभ मिल सके।
उन्होने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को
ग्रामीण शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की नसीहत दी जिससे ग्रामीण शिक्षा बेहतर हो
जाने पर ग्राम का बच्चा किसी मायने में पब्लिक स्कूल के बच्चों से पीछे न रहे।
इसके बाद प्रमुख सचिव ने महिला
चिकित्सालय का निरीक्षण किया जिसमें रसोई घर, स्टोर आदि का गहनता से निरीक्षण कर
आवश्यक दिशा निर्देश दिये। तत्पश्चात उन्होने जिला अस्पताल में कुपोषण वार्ड का
निरीक्षण कर सम्बन्धित अधिकरियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
पेयजल योजना का भी किया निरीक्षण
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प्रमुख सचिव ने जनपद के विकास खण्ड
फूलबेहड़ के अंतर्गत खैइया गांव में ग्रामीण पाईप पेयजल योजना का स्थलीय निरीक्षण
किया जिसकी लागत रू0 164.64 लाख की है, कार्य प्रारम्भ करने का वर्ष 2012-13 तथा
कार्य पूर्ण करने का वर्ष 2013-14 था। इस कार्य को उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा
किया गया है।
इसके बाद प्रमुख सचिव का काफिला
प्राथमिक विद्यालय खैइया पहुंचा जहां उन्होने प्राइमरी पाठशाला के बच्चों से
गिन्ती पहाड़ा आदि सुना तथा मिड डे मील में मीनू के अनुसार दाल, रोटी सब्जी जिसे
चखकर देखा और मिड डे मील शुद्ध पाये जाने पर प्रस्तन्नता व्यक्त की, साथ ही बच्चों
को चाकलेट आदि वितरित किये।
ओलावृष्टि के नुकसान का लिया जायजा
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सचिव ने ब्लाक निघासन के ग्राम पंचायत
बेला परसुआ में आने वाले ग्रामों में अतिवृष्टि, ओलावृष्टि से हुए नुकसान का जायजा
लिया और इसके सम्बन्ध में कहा कि जिन किसानों का 50 प्रतिशत से अधिक रबी फसल,
गेंहूं मसूर आदि में नुकसान हुआ है उनका उपजिलाधिकारी द्वारा कृषि अधिकारियों के
साथ समनवय बनाकर तुरन्त आंकलन कर मुआवजा दिलाने की कार्यावाही पूर्ण की जाय।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी, मुख्य
विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी तथा सहायक निदेशक सूचना सहित
सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।
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