बाढ़ राहत घोटाले मे फंसती नजर आ रही लेखपाल व दलालों की गर्दन





लखीमपुर-खीरी। जिले की तहसील निघासन क्षेत्र मे हुए बाढ़ राहत घोटाले में एसडीएम ने जांच शुरू कर दी है।

जांच के दौरान उन्होंने बैंक मैनेजर को पत्रावली के साथ तलब किया है। एसडीएम पीके सिंह की प्रथम दृष्टया जांच में लेखपाल और कुछ कथित दलालों की गर्दन फंसती नजर आ रही है। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी मामले में फंसते नजर आ रहे है जो फर्जी आईडी आदि बनाकर जालसाजी करते हैं।

बताते चलें कि बाढ़ राहत घोटाला में चार दिन बाद एसडीएम पीके सिंह ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान उन्होंने बैंक मैनेजर से फर्जी आइडी के बाबत विस्तृत जानकारी हासिल की। साथ ही जिन खातों में ग्राम प्रधान ने निवास प्रमाण पत्र जारी किए है, ऐसे प्रधानों को भी तलब करने को कहा है।

एसडीएम के अनुसार खातों में लगे फोटो वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके अलावा एसडीएम ने जांच में ऐसे लोगों को भी शामिल किया है जिन्होंने फर्जी खाताधारकों की पहचान के लिए बैंक के प्रारूपों पर अपने हस्ताक्षर किए है।

एसडीएम के मुताबिक मृत व्यक्ति के नाम चेक बनाकर और उनका भुगतान कराने वाले लेखपाल की जांच चल रही है, जांच में कई लेखपाल इस चपेट में आ सकते हैं। एसडीएम के मैराथन जांच में एक तरफ जहां हडकंप मच गया है वहीं दूसरी तरफ कुछ कथित दलालों ने अपनी गर्दन बचाने के लिए सत्तापक्ष के नेताओं की गणेश परिक्रमा शुरू कर दी है।

क्या कहते हैं एसडीएम .......
इस सम्बन्ध मे निघासन के एसडीएम पी0के0 सिंह ने बताया कि मामले में कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। यदि इस मामले में कोई भी दोषी पाया जाएगा तो उसे किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा, फिर वह चाहे जितना ही ताकतवर क्यों न हो।    

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