लखीमपुर-खीरी। जिले के पलिया क्षेत्र मे स्थित दुधवा नेशनल पार्क में गैंडा पुर्नवास परियोजना की शुरूआत के समय आसाम से लाई गई मादा गैंडा हिमरानी की रविवार को मौत हो गई।
बताते है कि इसकी उम्र लगभग 45 वर्ष थी। तीन डाक्टरों की टीम द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया। ज्ञात हो कि दुधवा नेशनल पार्क में जब गैंडा प्रोजेक्ट की शुरूआत हुयी थी तब आसाम से हिमरानी नामक मादा गैंडा को यहां पर लाया गया था। इससे पूर्व वर्ष 2011 में हिमरानी पर बाघ ने हमला कर उसे घायल कर दिया था जिसका इलाज महाराष्ट्र के डाक्टरों द्वारा किया गया था। कई दिनों तक इलाज के बाद हिमरानी स्वस्थ हो सकी थी कि रविवार को दक्षिण सोनारीपुर रेंज के अन्तर्गत ककरहा ताल के पास हिमरानी का शव पड़ा देखा गया।
हिमरानी का शव मिलने से पार्क प्रशासन में हड़कम्प मच गया। मामले की सूचना दुधवा उपनिदेशक वीके सिंह को दी गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डीडी ने घटनास्थल का निरीक्षण कर शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया जहां डब्ल्यूटीआई के डा0 सौरभ सिंघई, वेटनरी सर्जन डा0 नीरज गुप्ता, डा0 श्रीमती सिंघई, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ प्रतिनिधि रवि व बेलरायां रेंज के एसडीओ एनके उपाध्याय के नेतृत्व में उसका पोस्टमार्टम किया गया।
इस सम्बन्ध मे जानकारी करने पर डीडी वीके सिंह ने बताया कि हिमरानी गैंडे की मौत प्राकृतिक रुप से हुई है। उसकी उम्र करीब 45 साल की हो चुकी थी। जो एक गैडे के लिए प्रर्याप्त मानी जाती है।
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