निघासन की जनता किसे चुनेगी अपना विधायक.......?




लखीमपुर-खीरी। जनपद खीरी के निघासन विधानसभा क्षेत्र मे होने वाले उपचुनाव की रणभेरी बजे वैसे तो काफी दिन हो चुके है, इस बीच अपनी अपनी पार्टी के प्रत्याशियो के समर्थन मे बड़े बड़े दिग्गज नेताओ का आवागमन निरन्तर जारी रहा लेकिन यहां का ज्यादातर मतदाता भगवा रंग मे ही रंगा दिखाई दे रहा है।

बताते चले कि जनपद खीरी की 138, निघासन विधानसभा क्षेत्र मे सपा भाजपा व कांग्रेस ने चुनावी दंगल मे अपने प्रत्याशी उतारे है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने अपने को पूरे प्रदेश मे इस चुनावी दंगल से बाहर रहते हुए अपना कोई भी प्रत्याशी नही उतारा है। इनके अलावा यहां से लियाकत अली खां जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट), अजय कुमार, रामकुमार व संतोष सिंह कुशवाहा निर्दलीय प्रत्याशी के रुप मे अपनी किस्मत आजमा रहे है। उत्तर प्रदेश मे सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी से पूर्व मे विधायक रहे कृष्ण गोपाल पटेल, भारतीय जनता पार्टी मे उत्तर प्रदेश मे दो बार कैबिनेट मंत्री रहे रामकुमार वर्मा व कांग्रेस के टिकट पर पहली बार अपनी किस्मत आजमा रहे शिव भगवान चुनावी मैदान मे अपने अपने प्रतिद्वन्दी को मात देने मे लगे हुए है।

इस उपचुनाव में इस बार करीब 3,23,186 मतदाता जनप्रतिनिधियों के भाग्य का फैसला करेंगे। यह विधान सभा क्षेत्र पूर्व मे कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन उसके गढ़ में सपा व भाजपा ने दो व बसपा ने एक बार सेंधमारी की है। यहां के मतदाताओ की काफी समय पूर्व से निरन्तर चली आ रही समस्याओ से अब तक इन्हे निजात नही मिल पाई है। समस्या चाहे बाढ़ की हो या फिर पचपेड़ी घाट पुल की, अभी तक इन समस्याओ सहित इलाकाई लोगो की समस्याये जस की तस बनी हुयी है। फिर भी तीनो प्रत्याशी प्रत्येक चुनाव की भांति इस बार भी क्षेत्र का विकास कराने की बात कहते नही थक रहे है।

हालांकि देखा जाये तो भाजपा प्रत्याशी रामकुमार वर्मा से भी इस क्षेत्र का मतदाता ज्यादा खुश नही है क्योंकि इन्होने भी दो बार कैबिनेट मंत्री रहते हुए भी विकास कार्याें को अनदेखा किया है लेकिन मोदी फैक्टर के चलते यहां का मतदाता मजबूरन इनके पक्ष मे दिखाई पड़ रहा है। समाजवादी पार्टी पर से तो मतदाताओ का विश्वास उठता दिख रहा है, मतदाताओ से बात करने पर समाजवादी पार्टी का नाम सुनते ही उनका आक्रोश देखते ही बनता है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश मे सपा सरकार बने लगभग दो साल से अधिक हो रहे है लेकिन हम लोगो को अब तक झूठे आश्वासनो के सिवाय कुछ नही मिला है।

बकाया गन्ना भुगतान न होने से यहां के किसान मतदाता सपा सरकार से खासा नाराज हैं, क्षेत्र की जर्जर सड़के, नगर पंचायत के दर्जे की मंाग व मुंसिफ और पोस्टमार्टम हाउस आदि न होना जैसी समस्याये मतदाताओ की नाराजगी का प्रमुख कारण है। क्षेत्र के ही ग्राम बिनौरा व सुजानपुर के मतदाताओ ने तो इस चुनाव का बहिष्कार तक कर दिया है। इस क्षेत्र के मतदाता बैनर टांगकर मतदान का बहिष्कार करने की बात कह रहे है। अभी हाल ही मे हुए लोकसभा चुनाव मे खीरी लोकसभा सीट से अपनी जीत दर्ज कराने वाले भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्र टेनी भी निघासन विधानसभा क्षेत्र के मूल निवासी है, तथा इसी सीट के निवर्तमान विधायक है।

 यह क्षेत्र मौर्य बिरादरी बाहुल्य होने व बसपा द्वारा इस उपचुनाव मे अपना प्रत्याशी न उतारे जाने से बसपा का वोट बैंक भी लोकसभा चुनाव की भांति भाजपा प्रत्याशी के पलडे मे ही जाता हुआ दिखाई दे रहा है। कांग्रेस पार्टी के प्रति भी लोगो का रवैया कांग्रेस के पक्ष मे नही दिख रहा है। क्षेत्र मे मोदी लहर अब भी कायम दिख रही है, क्षेत्र के ज्यादातर मतदाताओ का रुझान कमल खिलाने की ओर ही दिख रहा है।

इस उपचुनाव हेतु सभी पोलिंग पार्टियां अपने अपने मतदान केन्द्रो तक पहंुच चुकी हैं, आज यानि 13 सितम्बर को प्रातः सात बजे से सायं छः बजे तक होने वाले मतदान मे प्रत्याशियो की किस्मत ईवीएम मे कैद हो जायेगी, इसके बाद किसको जीत मिलेगी और किसको हार, यह 16 सितम्बर की तारीख तय करेगी जिस दिन यहां मतगणना होनी है। इस चुनाव मे तीनो प्रत्याशियो मे से विजयश्री किसके कदम चूमेगी इसका फैसला यहां के मतदाताओ को करना है। यहां किसकी जीत होगी और किसकी हार, यह अभी भविष्य के गर्भ मे हैं।

निघासन विधानसभा क्षेत्र मे कब कौन रहा विधायक
वर्ष            विधायक का नाम          पार्टी का नाम     
1952          ठा.करन सिंह                कांग्रेस
1957          सुरथ बहादुर शाह            प्रसोपा
1962          रामचरन शाह                जनसंघ
1967          ठा. करन सिंह               कांग्रेस
1969          ठा. करन सिंह               कांग्रेस
1974          रामचरन शाह                जनसंघ
1977          रामचरन शाह                जपा
1980          सतीश अजमानी              कांग्रेस
1985          सतीश अजमानी              कांग्रेस
1989          निर्वेंद्र कुमार मुन्ना            निर्दलीय
1991          निर्वेंद्र कुमार मुन्ना            निर्दलीय
1993          निर्वेंद्र कुमार मुन्ना            सपा
1996          रामकुमार वर्मा               भाजपा
2002          आरएस कुशवाहा             बसपा
2007          केजी पटेल                 सपा
2012          अजय मिश्र टेनी             भाजपा

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