लखीमपुर-खीरी।
दुधवा पार्क प्रशासन की टीम ने पलिया कस्बे की एक आरामशीन पर चिरने के लिए आई पांच
बोटा सागौन की लकड़ी सहित दो लकड़कट्टों को मौके से धर दबोचा जबकि पार्क कर्मियों के
मुताबिक दो अन्य आरोपी भागने में सफल हो गये।
इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कस्बेे में
स्थित आरा मशीनों पर किस तरह जंगली लकड़ियों का अवैध चिरान किया जा रहा है। बताते
चलें कि इस समय मानसून सत्र में शिकारियों, लकड़कट््टों की नजरें दुधवा की वन
सम्पदा पर गड़ गई हैं क्योंकि मानसून सत्र में पार्क में गश्त बेहतर ढंग से नहीं हो
पाती है, ऐसे में वन माफियाओं की गतिविधियां तेज हो जाती है।
पिछले कुछ समय से दुधवा के जंगलों से बेश कीमती
लकड़ियां काटकर खुलेआम तस्करी कर नेपाल ले जाई जा रही है हाल ही में ऐसी कई घटनाएं
एसएसबी व वन विभाग द्वारा पकड़े जाने के बाद सामने भी आई है। जबकि तालाबों से अवैध
रूप से मछलियों का शिकार भी होने की बात सामने आती रहीं है। इसी क्रम में शनिवार
की तड़के दुधवा टाइगर रिजर्व के स्टाफ को सूचना मिली कि जंगल से अवैध रूप से काट कर
लाई जा रही सागौन की लकड़ी चिरान के लिए पलिया की एक आरामशीन पर लाई गई है।
बताया जाता है कि सूचना मिलते ही टीम के श्रवण
कुमार, पीआरडी जवान अरूण कुमार तथा राठौर ने सर्च आपरेशन शुरू कर दिया। कुछ समय
बाद पार्क कर्मियों ने एक आरामशीन से अवैध लकड़ी के साथ कुछ लकड़कट्टों को धर दबोचा।
पकड़े गये व्यक्तियो के पास से करीब 8 फुट लम्बें सागौन के पांच बोटे तथा दो
साइकिलें बरामद हुई है। पकड़े गये रामकुमार पुत्र चुन्नी व रामकुमार पुत्र गोवर्धन
निवासी ग्राम बसंतापुर कलां ने बताया कि यह लकड़ी सागर पुत्र मौकू निवासी बसंतापुर
कलां की है।
उसी के
कहने पर हम लोग दिहाड़ी पर लकड़ी साइकिल पर लाद कर आरा मशीन पर लाये थे। उनका यह भी
कहना है कि उक्त लकड़ी के साथ मोहर्रम निवासी इकरामनगर पलिया को भी पकड़ा गया था।
जिसे पार्क मुख्यालय लाने के बाद छोड़ दिया गया। पकड़ी गई लकड़ी को दुधवा पर्यटन
परिसर व अभियुक्तों को बंदी गृह में रखा गया है।
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