लखीमपुर-खीरी। देश की आजादी के बाद बनी पहली विधानसभा के सदस्य, व
वयोवृद्ध कांग्रेसी नेता कमाल अहमद रिजवी का रविवार को इंतकाल हो गया।
उन्होने प्रातः नौ बजकर दस मिनट पर शहर के एक निजी अस्पताल मे अपनी अंतिम
सांस ली। सायं पांच बजे शहर के जवाहर बाजार स्थित उनके आवास से उनकी अंतिम यात्रा
प्रारम्भ हुयी तथा उन्हे सुपुर्दे खाक किया गया। उनके निधन की खबर मिलते ही सारे
शहर मे शोक की लहर दौड़ गई। 98 वर्षीय कमाल अहमद रिजवी ‘कमाल साहब‘ के नाम से मशहूर
थे। वह 1952 मे बनी पहली विधानसभा के लखीमपुर-खीरी से सदस्य थे।
वह दो बार विधायक चुने गये, दूसरी
बार भी उन्हे कांग्रेस के टिकट पर श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हे
विधायक चुना। कर्मठ एवं ईमानदारी के प्रतीक कमाल साहब ने अपनी निजी सम्पत्ति बेच
बेचकर चुनाव लड़ा तथा आजीवन वह बेदाग छवि के कांग्रेसी नेता बने रहे। वह लगातार 25
वर्षाें तक जिला पंचायत अध्यक्ष बने रहे तथा 10 वर्ष तक कोआपरेटिक बैक के चेयरमैन
सहित जनपद के तमाम अन्य पदो को भी सुशोभित किया।
उनके निधन की खबर पाकर उनके अंतिम
दर्शन हेतु उनके आवास पर लोगो का तांता लगा रहा। वह अपने पीछे एक पुत्र, एक
पुत्री, तथा भरा पूरा परिवार छोड़ गये है। उनकी रिश्तेदारी भी हमेशा कद्दावर नेताओ
से ही रही। बिहार व पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे एआर किदवई तथा कांग्रेस की
मोहसिना किदवई उनके प्रमुख रिश्तेदार है।
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