दाने दाने को मोहताज होने से क्षुब्ध बाढ़ पीड़ित ने गवांई अपनी जान


लखीमपुर-खीरी। प्रदेश सरकार जहां एक तरफ गरीबों व किसानों के लिए तमाम लाभकारी योजनाएं चलाये जाने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जिले के थाना पलिया क्षेत्र मे बाढ़ से पीड़ित एक किसान ने दो जून की रोटी न जुटा पाने व विवाह योग्य अपनी पुत्री का विवाह न कर पाने से क्षुब्ध होकर मदार का रस पी लिया। हालत बिगड़ते पर उसके परिजनों ने उसे स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया, जहां उपचार के दौरान सोमवार की सुबह उस किसान ने दम तोड़ दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक क्षेत्र के ग्राम पतवारा निवासी वेदराम (47) पुत्र रामकिशुन की कृषि भूमि विगत वर्ष आयी शारदा की भीषण बाढ़ में गन्ने की फसल सहित कट कर नदी के आगोश में समा गई थी। जिससे उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय होती चली गई और वह धीरे-धीरे भुखमरी की कगार पर पहुंच गया। फिर भी हिम्मत न हारते हुए अपनी पुत्री के विवाह एवं पुत्र की परवरिश के लिए उसने एक बार और कदम बढ़ाते हुए कुछ कृषि भूमि ठेके पर ले ली थी और उस में गन्ने की फसल बोई थी।

 परन्तु इस बार भी आयी शारदा नदी की बाढ़ में सिल्ट के कारण पूरी गन्ने की फसल बर्बाद हो गयी। यह स्थिति देख वेद राम टूट गया और गुमशुम रहने लगा। इतना ही नही जिन्दगी से हार कर अब उसने मौत को गले लगाने की बात मन में ठान ली। जिसके परिणाम स्वरूप उसने मदार के पत्तों का रस पी लिया। हालत गम्भीर होने परिजनो ने उसे स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया था, जहां सेामवार की सुबह उसने दम तोड़ दिया।

क्या कहते है एसडीएम.......
इस सम्बन्ध में जब एसडीएम विजय बहादुर से उनका पक्ष जाना गया तो उन्होनें कहा कि विगत वर्ष का तो पता नही लेकिन इस वर्ष के बाढ़ व कटान पीड़ितांे के कृषि निवेश व कटान का सर्वे कराया जा रहा है।

 रिपोर्ट आने के बाद पीड़ित लोगों को मुआवजे की रकम दी जायेगी, परन्तु वेदराम की मौत को देखते हुए तहसील प्रशासन की ओर से कोई सहायता उपलब्ध कराये जाने की बात पर उन्होनें कोई जवाब नही दिया।

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