लखीमपुर-खीरी।
बार कौंसिल आफ उत्तर प्रदेश के पूर्व चेयरमैन अजय कुमार शुक्ल ने प्रदेश सरकार की
नीतियो को वकीलों के लिए अनुचित बताते हुए आंदोलन चलाने की बात कही है। उन्होंने
वकीलों के पांच लाख के सामूहिक बीमे और युवा वकीलों को मानदेय दिए जाने की योजनाएं
जल्द लागू न किए जाने पर आंदोलन शुरू करने की घोषणा की।
श्री शुक्ल बुधवार को जिले की निघासन तहसील में
वकीलों संग बैठक कर वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वकीलों के लिए पांच लाख की
सामूहिक बीमा योजना और युवा वकीलों को सीखने के दौरान स्टाईपेंड दिए जाने की योजना
सरकार ने मंजूर की थी। इनको सरकार अब तक लागू नहीं कर सकी है। इनका अविलंब
क्रियान्वयन न किए जाने पर आंदोलन छेड़ा जाएगा। बार कौंसिल सदस्य और पूर्व चेयरमैन
ने कहा कि एक जनवरी 2014 के बाद मरने वाले वकीलों की पत्नी और बच्चे दर-दर ठोकरें
खा रहे हैं।
लालफीताशाही की वजह से बीमा योजना लागू नहीं की
जा सकी है। उन्होंने इसके साथ ही नए और युवा वकीलों को स्टाईपेंड दिए जाने की
योजना जल्द लागू किए जाने और इसमें पात्र वकीलों की आयु 27 की जगह तीस वर्ष करने
की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि बार कौंसिल की कोशिशों के बाद सभी बार एसोसिएशनों
को ई-लाइब्रेरी देने की योजना लागू की गई। उन्होंने अधिवक्ता कल्याण कोष के लिए
एडवोकेट वेलफेयर एक्ट में संशोधन कर बजटीय प्रावधान सुनिश्चित करने, न्यायालय
अवमानना अधिनियम में संशोधन करने, अधिवक्ता पेंशन योजना व अग्रिम जमानत का
प्रावधान लागू करने और हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक राजस्व न्यायालयों के लिए अलग
कैडर गठित करने की मांग की।
इस दौरान
तहसील अधिवक्ता संघ निघासन के अध्यक्ष ध्रुवकुमार सिंह, मंत्री वीरेंद्र सिंह भदौरिया,
रामकृष्ण पाठक, ओमप्रकाश अवस्थी, पंकज जायसवाल, विवेक श्रीवास्तव, चंद्रकेश,
इजहार, बशीर अहमद, अख्तर अली, रामप्रताप आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।
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