लखीमपुर-खीरी।
जिले के निघासन ब्लाक क्षेत्र में शारदा नदी का कहर फिर से शुरु हो गया है। सात
गांवों का वजूद मिटाने के बाद अब शारदा नदी ने राजस्व गांव जंगल नंबर ११ को अपने
आगोश में ले लिया है।
जहां पर
गांव था अब वहां पर नदी बह रही है। प्रशासन ने घर से बेघर हुए लोगों की मदद करना
तो दूर वहां पर निरीक्षण करना तक मुनासिब नहीं समझा है। क्षेत्र में शारदा के
विकराल रूप को देखकर लोग काफी परेशान है। नदी किनारे बसे लोग बाढ़ के पानी से निजात
भी नहीं पाये थे कि अब नदी ने कटान शुरू कर दिया है। राजस्व ग्राम रहा जंगल नंबर
११ का अब शारदा ने पूरा वजूद ही मिटाकर रख दिया है।
गांव में पारस, सुरेंद्र, चांदबली, शिवचंद,
रमाशंकर, हीरा, राजकुमार, देवानंद, धर्मेंद्र, परवेज, मुक्कू, संतकुमार,
काङ्क्षलदी, रमाकांत चैहान, मुल्लू, धीम आदि के घर करीब चार रोज पहले ही शारदा मे
समा गए थे। सोमवार की रात रामायन यादव, श्रीकृष्ण यादव के पक्के मकान को अपने आगोश
में लेने के बाद दुर्गामंदिर, आंगनबाड़ी केंद्र आदि का भी वजूद मिट गया। रामायन
यादव ने बताया कि करीब सात एकड़ कृषि योग्य जमीन को शारदा ने लील लिया, जिसमें
गन्ने की फसल बोई हुई थी।
आशियाने
के अलावा गांव वालों की करीब दो सौ एकड़ जमीन नदी में समाहित हो गई है। इसके पहले
भी शारदा नदी ने महादेव टांडा, रसाल टांडा, वीरेंद्र पुरवा, हड़ही पुरवा, महादेव
समेत सात गांवों का वजूद मिटा दिया था। इस बार उसने जंगल नंबर ११ को अपने आगोश में
ले लिया है। जंगल नंबर ११ गांव के लोग अपना ठिकाना दूसरे के घरों में बना रखे है।
वहां पर लोगों ने स्वयं अपने घरों को तोड़कर ईंटा भरकर दूसरी जगह पलायन करना शुरु
कर दिया है।
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