शारदा का जलस्तर बढ़ने से जल मग्न होने लगे गांव





लखीमपुर-खीरी। मानसून सीजन में पल-पल बढ़ते शारदा के जलस्तर के बीच रविवार को बाढ़ ने पलिया कस्बे में भी दस्तक दे दी। नगर की सीमाओं को भेदता हुआ शारदा का पानी पलिया-लखीमपुर स्टेट हाइवे पर भी चलने लगा है।

इससे इस रूट पर आवागमन मुश्किलों भरा हो गया है। उधर बनबसा बैराज से वाटर डिस्चार्ज कल की तुलना में बढ़ गया है। इससे बाढ़ का खतरा और बढना लगभग तय माना जा रहा है। गांवों व शहर में बाढ़ का पानी घुसने से प्रशासन भी हाई एलर्ट पर है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने शहर में डेरा डाल दिया है। टीम ने पूरी तैयारी कर रही है, जिसे आदेशों का इंतजार है। पहाड़ों व मैदान इलाकों में पिछले कुछ समय में मानसूनी बारिश ने बाढ़ की आशंका जता दी थी।

कुछ दिनों पहले ही शारदा के आस पास के गांवों में बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया था। हालांकि शुरूआत में प्रशासन और विशेषज्ञ इस बात पर संशय ही व्यक्त करते रहे कि इस बार बाढ़ शहर में दस्तक देगी? लेकिन यह दावा शनिवार को ही ध्वस्त होता नजर आने लगा था। बनबसा बैराज से शनिवार को वाटर डिस्चार्ज करीब तीन लाख क्यूसेक के आस पास था। इससे शारदा का जलस्तर और बढ़ गया। तड़के सुबह से ही शारदा का बाढ़ का पानी पलिया में घुसना शुरू हो गया था।

सबसे पहले पानी ने पलिया-लखीमपुर स्टेट हाईवे पर हमला बोला। यहां दो से ढाई फिट पानी चल रहा है। हालांकि यातायात इस रूट पर बना रहा, लेकिन वाहनों को पार करने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ी। फिलहाल पानी घटने की कोई संभावना नजर नही आ रही, ऐसे में इस रूट पर यातायात कभी भी बंद किया जा सकता है। 

वाटर डिस्चार्ज की स्थिति
पहाड़ों व मैदानी इलाकों में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। परिणाम स्वरूप बनबसा बैराज से वाटर डिस्चार्ज बढ़ाए जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। जहां शनिवार को पानी की रिलीजिंग 2 लाख 99 हजार 862 क्यूसेक थी। रविवार को इसमें इजाफा हो गया। रविवार की दोपहर 12 बजे तक वाटर डिस्चार्ज 3 लाख 3 हजार 102 क्यूसेक बना हुआ था। इससे पहले से उफनाई शारदा नदी की स्थिति और भयावह होने की आशंका व्यक्त की जाने लगी है।

एनडीआरएफ ने डाला डेरा
बाढ़ की दस्तक के साथ ही प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। चूंकि स्थिति पल -पल खतरनाक होती चली जा रही है ऐसे में बेहतर बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ की टीम को यहां बुला लिया गया है। बतातें चलें कि एनडीआरएफ को आपदा के बाद फंसे लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए जाना जाता है। टीम में कुल 42 सदस्य हैं। जिसमें चार दरोगा, 38 जवान शामिल हैं।

 टीम के इंचार्ज इंपेक्टर काहन सिंह ने बताया कि उनकी टीम पूरी तरह से तैयार है। टीम के जवान पूरी तरह से ट्रेंड हैं। उनके पास छह स्टीमर मौजूद हैं। प्रशासन से जैसे ही उन्हें आदेश मिलेंगे वे बचाव के लिए कूच कर जाएंगे।

Post a Comment

Previous Post Next Post