लखीमपुर-खीरी। जिले के निघासन ब्लाक मे शारदा नदी की कटान से घर से बेघर
हुए बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन बसा नहीं पाया है, लेकिन करीब एक साल से विवादित जमीन
पर आशियाना बनाकर रह रहे कटान पीड़ितों को उजाडऩे की मुहिम एसडीएम व प्रभारी
निरीक्षक ने शुरू कर दी है।
आरोप है कि सोमवार तक भूमि खाली न करने पर बने हुए घरों पर बुल्डोजर
चलवाने की धमकी एसडीएम ने दी है। इसको लेकर बाढ़ पीड़ितों में खलबली मच गई है। बता
दें कि करीब चार साल पहले पसियनपुरवा, महादेव टांडा, रसाल टांडा गांव को शारदा नदी
ने अपने आगोश में ले लिया था। बाढ़ पीड़ितों ने झंडी रोड़ पर आकर अपना आशियाना बनाया
था। सड़क के किनारे होने के कारण कई लोग चोटिल हो गए।
इसी रोड़ के पूरब तरफ स्थित कई एकड़
जमीन पड़ी थी। आरोप है कि जिन लोगों की जमीन सीलिंग में निकली थी। तहसील प्रशासन ने
उसी जमीन को दुबारा उनके ही बच्चों के नाम पट्टा बनवा दिया था। उसके बाद पट्टा
बनवाने वाले लोग भारत छोंड़कर कनाडा चले गये। लेखपाल ने इस जमीन पर 186 की
कार्रवाही करते हुए पट्टा निरस्त करने की संतुति की। इसी बीच थाने में तैनात एक
दरोगा ने जमीन का बैनामा करवा लिया।
विवादित जमीन का आरोप सिद्व होने
पर तत्कालीन एसपी ने दरोगा को लाइन में भेजने के बाद उनका स्थानांतरण सीतापुर जिले
के लिए कर दिया। इसी जमीन पर करीब 90 बाढ़ पीड़ितों ने अपने आशियाने बना लिये।
शनिवार को बाढ़ पीड़ितो के पास पहंुचे एसडीएम, तहसीलदार व प्रभारी निरीक्षक ने
सोमवार तक जमीन खाली न कराने पर जेल भेजने व घरों पर बुल्डोजर चलवाने की धमकी दी
है।
दरोगा जी की मदद कर रहे आला अधिकारी
राजस्व विभाग व पुलिस विभाग के दो आलाधिकारी एक ही जनपद के होने के कारण
दरोगा जी की मदद करने में लगे हुए है। वह बिना कोर्ट के आदेश पर ही बाढ़ पीड़ितों को
उजाडऩे की मुहिम चला रहे है।
मुख्यमंत्री से मिलेगा बाढ़ पीड़ितो का प्रतिनिधि मण्डल
एसडीएम द्वारा एल्टीमेटम देने से नाराज बाढ़ पीड़ित दिनेश, बालकराम, रंजीत,
रामदत्त, दयाराम, रामप्रसाद, हरीराम आदि ने बताया कि एक प्रतिनिधि मंडल
मुख्यमंत्री से मिलने के लिए लखनऊ रवाना होगा।
इस सम्बन्ध मे जानकारी करने पर
तहसीलदार राम औतार ने कहा कि हाईकोर्ट का आदेश है, जिसके चलते वहां पर बाढ़ पीड़ितों
को हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है। वही एसडीएम डीपी पाल का कहना है कि कोर्ट का
कोई भी आदेश नहीं है। मैं खुद ही अवैध कब्जा हटाने में सक्षम हूं हालांकि
जिलाधिकारी के आदेश पर कब्जा हटवाने गया था।
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