लखीमपुर-खीरी। जिले की तहसील पलियाकलां मे विकास कार्य की जिम्मेदारी वाला
विभाग इन दिनों अपनी बदहाली पर आंसू बहाता नजर आ रहा है।
यहां खंड विकास अधिकारी के पद पर अटैचमेंट व्यवस्था ने बुरा असर डाला हुआ
है। यह सिलसिला पिछले कुछ दिनों से चल रहा है। जिससे ग्राम पंचायतों में विकास
कार्य का पहिया थम सा गया है। हफ्ते में तीन दिन ही बीडीओ के बैठने से कर्मचारियों
को भी खुली छूट मिली हुई है वे मनमानी पर उतारू नजर आ रहे हैं।
खंड विकास कार्यालय में बीडीओ के पद पर पूर्व में एके सक्सेना तैनात थे।
उनका तबादला नौ जुलाई को कर दिया गया था। जिसके बाद पलिया ब्लाक बीडीओ विहीन हो
गया। शासन ने व्यवस्था करते हुए निघासन के खंड विकास अधिकारी तेजवंत सिंह को यहां
पर नियुक्त किया। लेकिन उन्हें पूरी तरह से पलिया का कार्य नहीं सौपा गया। निघासन
में बने रहते हुए उन्हें पलिया ब्लाक में अटैच कर दिया गया।
वे यहां पहुंचे और अधीनस्थों के
साथ बैठकर इस व्यवस्था के बारे में बताया। साथ ही ग्रामीण इलाकों में विकास की
रफ्तार बनाए रखने के भी निर्देश दिए थे। बैठक के बाद वे लौट गए और कर्मचारियों को
मानो खुली छूट मिल गई। दरअसल अटैचमेंट व्यवस्था के तहत बीडीओ तेजवंत सिंह मंगलवार,
बुधवार और शुक्रवार को पलिया बैठेंगे जबकि शेष कार्यदिवसों में वे निघासन में
सेवाएं देंगे।
ऐसी सूरत में पंचायत अधिकारी से लेकर मनरेगा कर्मचारी भी अपने तरीके से
काम कर रहे हैं। उधर फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। वे जब
ब्लाक पहुंचते हैं तो उन्हें बीडीओ की कुर्सी खाली नजर आती है। काफी ढूंढने पर भी
कर्मचारी नहीं मिलते।
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