लखीमपुर-खीरी। जिले की तहसील निघासन क्षेत्र मे पट्टे
की ढाई बीघा जमीन को भूमिधरी के नाम पर करीब 46 हजार रूपये सुविधा शुल्क लेने वाले
लेखपाल को पहले तो महिला ने पूरी तहसील में गिरहबान पकड़कर घुमाया।
आरोप है कि लेखपाल को बचाने के लिए एसडीएम आरोपी
लेखपाल को अपने साथ लेकर चले गए। लंबे समय तक महिला एसडीएम के आने का इंतजार उनके
दप्तर के सामने करती रही। जब एसडीएम नहीं आए तो उसने एसडीएम कार्यालय के सामने
अपने ऊपर करोसीन छिड़कर आग लगाने का प्रयास किया। किसी तरह से सूचना पर पहुंचे
एसडीएम ने महिला को समझाते हुए लेखपाल को सर्किल से हटा दिया है।
क्षेत्र के
ग्राम पंचायत गौरिया के मजरा रउलीपुरवा निवासी महिला राजकुमारी पत्नी बांकेलाल ने
बताया कि उसका भाई तेजी अत्यंत गरीब है और वह बीमार रहता है। अकेला होने के कारण
वह अपनी बहन राजकुमारी के घर रहता है। करीब 11 साल पहले उसके नाम करीब ढाई बीघा
जमीन का पट्टा ग्राम प्रधान ने बनवा दिया था। नियमानुसार पट्टे की जमीन को दस साल
में भूमिधरी हो जाना चाहिए। भूमिधरी के लिए राजकुमारी अपने भाई संग लेखपाल से
मिली।
आरोप है कि
लेखपाल ने जमीन को भूमिधरी करने के नाम पर करीब 50 हजार रूपये की मांग की। जिस पर
किसी तरह से राजकुमारी ने लेखपाल को 46 हजार रूपये भी दे दिये। करीब डेढ़ साल बीत
जाने के बाद जब लेखपाल ने जमीन को भूमिधरी नहीं कराया तो उसने लेखपाल की शिकाएत
एसडीएम से की। एसडीएम द्वारा कोई कार्रवाही न होने से नाराज राजकुमारी शुक्रवार को
तहसील पहुंची और वहां पर लेखपाल को नए तहसील भवन परिसर में देखकर उसका गिरहबान पकड़
कर एसडीएम चेंबर की तरफ लेकर चली। वहां पर मौजूद लोगों ने लेखपाल को किसी तरह से
छुड़वा दिया।
बताते है कि
किसी तरह से लेखपाल राजकुमारी के चंगुल से छूटकर तहसीलदार द्वारा लेखपालों की ली
जा रही बैठक में पहुंचकर जा छिपा। राजकुमारी लेखपाल को ढूंढती हुई बैठक में पहुंच
गई। वहां पर भी उसने लेखपाल को पकड़कर घसीटते हुए लेकर चली। मामला तूल पकड़ता देख
एसडीएम लेखपाल को अपनी गाड़ी में बैठाकर साथ लेकर चले गए। एसडीएम द्वारा कार्रवाही
न करने से क्षुब्ध राजकुमारी ने केरोसीन छिड़कर आग लगाने का प्रयास किया।
वहां पर मौजूद फौजदारी बाबू ने महिला को बचाने का
प्रयास किया जब वह नहीं मानी तो सूचना मिलते ही तहसीलदार गार्डों के साथ वहां पर
पहुंच गए और लेखपाल पर कार्रवाही का आश्वासन देते हुए उसे शांत कराया। लेखपाल ने
आरोपों को निराधार बताया है। इस सम्बन्ध मे एसडीएम निघासन डीपी पाल से जानकारी
करने पर उन्होने कहा कि तेजी के पट्टे की जमीन के निरस्तीकरण का मुकद्दमा चल रहा
है। इसलिए उसे भूमिधरी नहीं किया जा सकता।
लेखपाल द्वारा पैसा लेने की जांच तहसीलदार को सौंपी गई
है। मामले की जानकारी के लिए लेखपाल को गाड़ी में बैठाया था। उधर तहसीलदार राम औतार
ने बताया कि लेखपाल श्रीप्रकाश यादव को सर्किल से हटा दिया गया है। पीड़ित महिला ने
एक बार भी मुझे शिकायती पत्र नहीं दिया है। मामले की जांच कर लेखपाल के खिलाफ
कार्रवाही की जाएगी।
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