लखीमपुर-खीरी। होली एक ऐसा पर्व है जब सारे रंग खिलते
हैं और जीवन मे छायी नीरसता मिटती है। नई उमंग में सब संग बढ़ते हैं और गिले शिकवे
भूल हम सब एक दूजे के गले मिलते हैं इन पंक्तियों से साफ जाहिर है कि होली के पर्व
में रंगों का बहुत महत्व है। बशर्ते प्रयोग जिन उद्देश्यों को लेकर किया गया उसी
तरह से प्रयुक्त भी हो।
भागमभाग के चक्कर में नीरस हो रही जिंदगी में रंग भरने
को यह पर्व खास अहमियत रखता है। होली का त्योहार आने में अब महज दो दिन शेष रह गए
हैं। भौजी के आंगन में गुलाल उड़ाने और उनके साथ हंसी ठिठोली करने को लोग होली का
बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं। गांवों से लेकर शहर तक फागुनी गीतों की धुन
सुनाई पड़ने लगी हैं।
ऐसे में भांग के साथ रंग जमाने को लोगों की टोलियां भी
बनने लगी हैं। ढोलक की थाप, मजीरा और हारमोनियम पर संगत करने वालों को निमंत्रण
दिया जाने लगा है। यह अलग बात हैं कि टूटते संयुक्त परिवार और बढ़ता एकाकी परिवारों
का चलन होली के रंगों को फीका कर रहा हैं। बहरहाल इन सबके बाद भी आज भी पर्वों को
मनाने को उतना उत्साह नहीं, पर उमंग अब भी काफी देखने को मिलता है।
बाजार पर चढा़ होली का रंग
बाजार पर होली का रंग चढ़ गया है।इन सबमें चाइना मेड
पिचकारियां बच्चों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। कारोबारियों ने कार्टून
कैरेक्टर में कृष, भीम, डोरीमान की छाप वाली पिचकारी समेत चाइनीज माउजर, मशीनगन,
गुब्बारा बम, एके ५६, पंप गन आदि बाजार में उतारे हैं। इसके अलावा हर्बल
अबीर-गुलाल और तमाम तरह के हर्बल रंग भी बिकने के आ गए हैं। दुकानदारों के मुताबिक
अभी हल्की-फुल्की बिक्री हो रही है, लेकिन उन्हें अच्छे कारोबार की उम्मीद है।
कमाल का है सुतली बम
सुतली बम का नाम सुनते ही एक बार लोगों का दिल दहल
जाता है, लेकिन यह बम कमाल का है। इसकी खासियत यह है कि माचिस की तीली दिखाते ही
यह जमीन की धरातल से करीब ५० से ६० फिट की ऊंचाई पर जाकर फटता है। ऐसा बम बाजार
में उतारा गया है जो आवाज के साथ कलर धुंआ छोड़ेगी, साथ में खुशबू भी फैलाएगा बम के
फटते ही उसमें भरा गुलाल बड़े आकर्षक ढंग से आसमान में सराबोर होता है।
इसके अलावा
चार बूंदों वाला मुर्गा रंग है, जिसे एक बाल्टी पानी में केवल चार बूंद डालनी है
और एक बाल्टी रंग तैयार हो जाएगा। मुखौटे भी बाजार में आ गए हैं।यही नहीं पुलिस और
फौज के लड़ाकू शस्त्रों के आकार में बनी पिचकारियों भी बच्चों को खूब रास आ रही
हैं। खिलौनों में भी पिचकारी हैं। प्रेशर पिचकारियों ने लेकर पंप पिचकारियों की
बाजार में धूम हैं।
बरतें सावधानी, रहे सुरक्षित
ऽ अधिकांशतः
सूखे रंगों का प्रयोग करें
ऽ रंग
खेलने से पहले अपने को सुरक्षित कर लें
ऽ त्वचा
पर तेल का लेप अवश्य लगा लें
ऽ बच्चों
का पूरा शरीर ढकने के बाद ही उन्हें खेलने की अनुमति दें
ऽ रंग में
वारनिश का प्रयोग कदापि न करें
ऽ दूसरों
पर रंग की जगह कीचड़ व गोबर न फेंकें,
ऽ किसी को
जबरन पर्व का वास्ता देकर ठंढाई आदि न पिलाएं
ऽ हर्बल
रंग व गुलाल आदि का प्रयोग कर सुखद होली खेलें
ऽ आंखों
को रंगों से बचाने का पूरा प्रयास करें
ऽ यदि जलन
ज्यादा हो तो नेत्र चिकित्सक को अवश्य दिखाएं
नया सवेरा नई खबर की ओर से आप सभी पाठकों को रंगों के
त्यौहार होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं
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