कालेज मे वार्षिक परीक्षाफल वितरण समारोह सम्पन्न





लखीमपुर-खीरी। जनपद के गोला गोकर्णनाथ नगर मे स्थित विद्या कुँवरि स्मारक सरस्वती विद्या निकेतन इण्टर कालेज में जूनियर विभाग का वार्षिक परीक्षाफल वितरण समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ विद्यालय के विशाल सभागार में सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में नीरु सेठ व अध्यक्षता सीके सेठ ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना के साथ किया गया। तत्पश्चात नन्हे-मुन्हे बच्चों ने अतिथि को स्वागत करते हुए स्वागत गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जूनियर वर्ग की प्रधानाचार्या मधु त्रिपाठी ने कहा कि सन् 1999 में यह विद्यालय 16 शिक्षकों एवं 4 कर्मचारियों के साथ प्रारम्भ हुआ था। आज यहाँ पर लगभग 80 शिक्षक व 20 कर्मचारी कार्यरत है।

स्थापना वर्ष से आज तक विद्यालय के छात्र छात्राओं ने प्रदेश एवं जनपद स्तर पर अनेक कीर्तिमान स्थापित किये है। इस समय विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से इण्टर तक शिक्षा दी जा रही है। कक्षा एक से लेकर आठ तक एनसीआरटी से अनुमोदित पाठ्यक्रम प्रचलित है। इस समय लगभग 300 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है। कार्यक्रम में दूसरे चरण में मुख्य अतिथि ने कक्षा में प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त छात्र छात्राओं को आकर्षक पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

 इसके बाद कक्षा एनएस में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाली अनुष्का चैरसिया, कक्षा केजी में रितिक कुमार, प्रथम में अनिकेत वर्मा, द्वितीय में समर वर्मा, तृतीय में देव राठी, चर्तुथ में अंशिका रंजन को पुरस्कृत किया। पुरस्कार वितरण के अंतिम चरण में अपने समूह में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को शुद्व चाँदी के मेडल देकर पुरस्कृत किया गया। नर्सरी से केजी वर्ग में रितिक कुमार 1699/1800, प्रथम से पंचम तक वर्ग में समर वर्मा 2104/2200, षष्ठम् से अष्ठ्म तक वर्ग में अंग्रेजी माध्यम में अंशिका रंजन 936/1000, षष्ठम् से अष्ठ्म तक वर्ग में हिन्दी माध्यम में आस्था वर्मा 887/1000 को चांदी के मेडल देकर मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया।

कार्यक्रम अंत में मुख्य अतिथि ने पुरस्कृत विद्यार्थियों को निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी तथा विद्यार्थियों को मन लगाकर पढ़ने का संकल्प दिलाया। अन्त में प्रधानाचार्य मधु त्रिपाठी ने अतिथियों, अभिभावकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर सीनियर वर्ग के प्रधानाचार्य महेन्द्र त्रिपाठी ने भी बच्चो को शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन के सर्वोच्च शिखर को प्राप्त करने की प्रेरणा दी।

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