लखीमपुर-खीरी। भारत देश एक राजनीतिक संकट से गुजर रहा है, राजनैतिक
अस्थिरता इच्छाशक्ति का अभाव, सम्यभुता की रक्षा न कर पाने की सामथ्र्य, शिक्षा मे
गिरते हुए भारतीय मूल्य, विदेशी विश्वविद्यालयो का आमंत्रण वर्तमान भारतीय नेतृत्व
की विशेषता हो गई है।
ऐसे मे दुनिया की 54 प्रतिशत युवा शक्ति वाला वैभवशाली भारत पुनः विश्व का
मार्ग दर्शक बने, एक बड़ी आर्थिक एवं तकनीकी शक्ति बने और यह सब तभी सम्भव होगा जब
युवा शैक्षणिक रुप से शक्तिशाली होगा। उपरोक्त बिन्दुओ को ध्यान मे रखते हुए जनपद
खीरी मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने नगर के एक गेस्ट हाउस मे आगामी
विश्वविद्यालयी परीक्षाओं को केन्द्रीभूत करके परीक्षाओं मे मूल्याकंन के विभिन्न
आयामो पर एक कार्यशाला का आयोजन किया तथा इस अवसर पर अन्तः क्रियात्मक सत्र का भी
संयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ कानपुर
विश्वविद्यालय से पधारे डा अनूप सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप
प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम मे बतौर मुख्य वक्ता पधारे डा अनूप सिंह ने परिसर
मे मौजूद छात्र छात्राओं का मार्ग दर्शन करते हुए कहा कि सभी परीक्षार्थियों को
प्रश्न पत्र पूरी तरह पढ़ने के बाद सबसे पहले उस प्रश्न का चयन करे जो परीक्षार्थी
को भलीभांति आता हो, ऐसा करने से मूल्यांकन करने वाला परीक्षक भी कापी के पहले
पृष्ठ को देखते ही प्रभावित हो जाये और अधिकतम अंक देने को बाध्य हो सके।
कार्यक्रम मे युवराज दत्त
महाविद्यालय के कामर्स विभाग के अध्यक्ष डा संजीव गुप्ता व गणित विभाग के डा एन के
अवस्थी आदि वक्ताओं ने विभिन्न विषयों मे बेहतर अंक हासिल करने हेतु अनेक तरीके
बताकर महत्वपूर्ण जानकारियां दी। कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रुप मे उपस्थित
वरिष्ठ समाज सेवी संजय भल्ला ने छात्र छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा कि युवाओं
को शिक्षा के साथ साथ समाज के प्रति जागरुक होना चाहिये ताकि वह शिक्षा के साथ साथ
राष्ट्र निर्माण मे भी अपनी अहम भूमिका निभा सके।
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