वनस्पतियां व पशु-पक्षियों के साथ हमारा अस्तित्व भी खतरे में : बबिता





लखीमपुर-खीरी। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेष उपाध्यक्ष ठाकुर दिलीप सिंह ने कहा कि पर्यावरण में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण ही जैव-विविधता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। श्री सिंह कस्बा जनपद खीरी के जंगबहादुरगंज में भूषण सेवा संस्थान उचैलिया (लखीमपुर खीरी) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण जागरूकता षिविर को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में उपस्थित महिलाओं को विषेष तौर से प्रदूषित हो रहे पर्यावरण में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। श्री सिंह ने कहा कि बढ़ रही जनसंख्या के संसाधनों की आवष्यकताओं की पूर्ति ने बड़े-बड़े जंगल बलिदान हो गये और इसी कारण भांति-भांति की वनस्पतियां तथा जीव-जन्तु विलुप्त होते जा रहे हैं, आज गिद्ध, चील, गौरैया आदि प्रायः विलुप्तप्राय की श्रेणी में आ गये हैं।

 पहले कच्चे घर होते थे तो छप्परों में अथवा दीवार के रोषनदान आदि में गौरैया अपने घोंसले रखती थी, किंतु आज घोंसले रखने की जगह ही नहीं रह गयी। महिलायें पर्यावरण को सन्तुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आयीं हैं। अतः आज पुनः अपने बच्चों को जागरूक करके अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर अध्यापिका तनवीर जैदी ने भी महिलाओं को आगे बढ़कर पर्यावरण को संतुलित बनाने की जंग में भाग लेने को कहा।

समाजसेविका संध्या सक्सेना ने महिलाओं तथा पुरूषों को अपने घर के चारों ओर साफ-सफाई रखने तथा खाली जगहों पर पेड़ लगाने का आग्रह किया साथ ही महिला तथा पुरूष किसानों से अंधाधुंध रासायनिक खादों तथा कीटनाषकों के प्रयोग पर अंकुष लगाने का आवाह्न किया। मुस्लिम जैदी ने भी प्रदूषित हो रहे पर्यावरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पहले गावों के किनारे तालाब और तालाब के किनारे पीपल, बरगद आदि के पेड़ होते थे। जिनके नीचे बने चबूतरों पर लोग बैठकर दोपहर की धूप में आराम करते थे तथा इन पेड़ों पर बगुले आदि पक्षी अपना बसेरा बनाते थे, आज वे सारे दृष्य ही लुप्त हो गये हैं।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बाल कल्याण समिति की सदस्य तथा प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट लखीमपुर खीरी बबिता अग्रवाल ने सभी को आगाह किया कि यदि इसी तरह पर्यावरण प्रदूषित होता रहा तो जिस प्रकार विभिन्न वनस्पतियां तथा पशु-पक्षी विलुप्त हो रहे हैं, उसी प्रकार हमारा भी अस्तित्व खतरे में दिखाई देता है। यदि हम लोग नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियां पता कौन-कौन से दंष झेलने को विवष होंगी। इसलिए सभी लोग जागरूक होकर वृक्षारोपण को जनांनदोलन का रूप देकर इस महत्वपूर्ण कार्य में अपनी सहभागिता निभायें।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजन संस्था के निदेषक डाॅ दिनेष कुमार शर्मा ने भी पर्यावरण संरक्षण के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की तथा कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए पुनः सभी को वृक्षारोपण करने का संकल्प दिलाया।

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