लखीमपुर-खीरी। वाणिज्य कर विभाग उ प्र के आयुक्त के तुगलकी फरमान का विरोध
करते हुए लखीमपुर कर अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने व्यापारियों पर एक
पक्षीय रुप से जारी की जाने वाली अर्थदण्ड नोटिस पर तत्काल रोक लगाने व वार्षिक
विवरणी दाखिल किये जाने की तिथि बढाये जाने से सम्बन्धित एक ज्ञापन जिलाधिकारी के
माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा है।
ज्ञात हो कि आयुक्त वाणिज्य कर द्वारा सम्पूर्ण प्रदेश मे ऐसे व्यापारियो,
जिन्होने कर निर्धारण वर्ष 2012-13 की वार्षिक विवरणी दाखिल नहीं की है, पर एक
पक्षीय रुप से दस हजार रुपये अर्थदण्ड लगाने का आदेश विभाग के सम्बन्धित अधिकारियो
को दिया है। प्रदेश मे छोटे छोटे व्यापार करके अपने व अपने परिवार का भरण पोषण
करने वाले न जाने कितने ऐसे पंजीकृत व्यापारी
है जिनको न तो कम्प्यूटर का ज्ञान है और न ही विधिक ज्ञान। इस कारण साठ से
सत्तर प्रतिशत तक ऐसे व्यापारियो ने संगत वर्ष के लिए वार्षिक विवरणी दाखिल नहीं
की है। ऐसे मे आयुक्त के इस आदेश से न जाने कितने छोटे व्यापारी प्रभावित होंगे और
उन्हे आर्थिक नुकसान उठाना पडेगा।
व्यापारियो के हितो को ध्यान मे
रखते हुए कर अधिवक्ता संघ ने मुख्यमंत्री को भेजे गये ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि वर्ष 2012-13 के लिए वार्षिक
विवरणी प्रस्तुत करने के लिए तीस जून 2014 तक समय सीमा बढ़ाने व उ प्र वाणिज्य कर
आयुक्त द्वारा वैट अधिनियम की धारा 54 (1) (22) के अंतर्गत वर्ष 2012-13 के लिए
अर्थदण्ड की नोटिस जारी करने का जो निर्देश सम्बन्धित अधिकारियो को दिया गया है,
उस पर तत्काल रोक लगाने तथा वर्ष 2011-12
के लिए दाखिल वार्षिक विवरणी के आधार पर तत्काल डीम्ड असेस्टमेन्ट किये जाने की
मांग की है।
thanks for your best cooperation in promoting our cause.
ردحذفFrom A.M.Jafri Advocate
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