लखीमपुर-खीरी। महाशिवरात्रि व प्रदोष के शुभ अवसर पर शिवालयों मेें शिव
भक्तों ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोडी। देर रात तक सभी शिवालय
हर हर बम बम के नारों से गुंजायमान रहे। नगर के विख्यात भुईफोरवानाथ मन्दिर मेें
भक्तों की लम्बी कतारें लगी रही।
प्रातः पांच बजे से ही भक्त भोलेनाथ के दरबार में अपनी हाजिरी लगाने के
लिए पहुँचने लगे थे। भक्तों ने जल चढाकर भगवान शिव का अभिषेक किया, फूल बेल पत्र,
गंगा जल, दूध, दही, चढाकर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न किया। बाबा के भक्तों ने छोटी
काशी पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना करके वरदान प्राप्त किये। भगवान भोलेनाथ के
विषय में कहा जाता है कि ‘‘जल के चढाये यमलोक ते उबारि लेत, चंदन चढाये चक्रवर्ती
करि देत हैं। चावल के चढाये नाथ चैदह भुवन देत, दीप के दिखाये द्वीप सात दै देत
हैं। भांग औ धतूर के चढाये शिव लोक देत, बेल के चढाये ते निहाल करि देत हैं। बम बम
कहे ते बेगि हरते कलेश को, गाल के बजाये नाथ साथ लै लेत हैं। ‘‘
ऐसे अवढरदानी है भगवान देवादिदेव, जिसने इनकी पूजा नहीं की उसका तो जीवन
ही व्यर्थ है। थोडी सी पूजा में प्रसन्न हो जाने वाले भोलेनाथ भक्तों को मुंह
मांगा वरदान दे देते हैं। आज महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिरों के बाहर सपेरों
ने भी नाग देवता के दर्शन कराये। तमाम भक्त गणों ने नाग देवता को दूध पिलाकर तथा
उन्हें फूलमाला पहनाकर उनका पूजन अर्चन किया। मंदिरों में शिव भक्तों का जोश देखते
ही बन रहा था। दूर दूर से आकर लोग प्रसिद्ध शिवालयों में पूजा अर्चना कर रहे है।
नगर के सभी शिवालय बम बम भोले के जयकारों से गुंजायमान हो रहे हैं।
भक्तों ने जल, दूध, दही, फल, फूल, बेलपत्र इत्यादि चढाकर श्रद्धा भाव से
भगवान भोले शंकर को प्रसन्न किया। शहर के बीच स्थित भोले बाबा के सबसे प्राचीनतम व
बडे भुईफोरवानाथ मन्दिर में महाशिवरात्रि व सावन मे भक्तों की सर्वाधिक भीड जमा
होती है। प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर स्थानीय भुईफोरवानाथ
मंदिर में रात्रि जागरण व महाकाल का भव्य श्रंगार किया गया। भगवान भोले नाथ के
दरबार भुईफोरवानाथ मन्दिर में कई भक्त दूर दूर से आकर पूजा अर्चना करते हैं और
अपनी मनौतियां भी मानते हैं जिन्हें अवढर दानी अवश्य ही पूर्ण करते हैं।
नगर से सात किमी दूर स्थित लिलौटी
नाथ मन्दिर में भी शिव भक्त बडी़ तादात में पहुंचे। इस मन्दिर में भी विभिन्न
भक्तों द्वारा भण्डारे का आयोजन किया गया तथा जमकर ठण्डाई भी बांटी गई। शहर में ही
स्थित जंगली नाथ मन्दिर में भी भक्तों ने रात में भजन कीर्तन किये। नगर के संकटा
देवी मंदिर, शीतला देवी मंदिर, संतोषी माता मंदिर, जंगलीनाथ मंदिर, दुःख हरण नाथ
मंदिर, श्री श्री महाकालेश्वर मंदिर, देवकली तीर्थ स्थित शिव मंदिर सहित नगर के
विभिन्न मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा।
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