लखीमपुर-खीरी। जनपद खीरी मे इंडो नेपाल बार्डर पर स्थित निघासन तहसील के
तिकुनियां कस्बे में भारी मात्रा में खबहा पड़ोसी मुल्क नेपाल से बेखौफ लाया जा रहा
है। जिससे खबहा से देश के आगरा में मशहूर पेठा बनाया जाता है।
अधिक मंहगाई और बढ़ रही जनसंख्या
के कारण तराई इलाके में गन्ना, धान, गेहूं आदि की खेती ने खबहा की खेती को गृहण
लगा दिया है। क्षेत्र में खबहा की पैदावार न के बराबर होने के कारण तिकुनियां,
बेलरायां, बनवीरपुर, सेहनखेड़ा आदि क्षेत्र के लोग नेपाल के भजनी, टीकापुर, सत्ती,
पिरथीपुर, चर्रा, जोशीपुर आदि स्थानों से बैलगाडी आदि पर खबहा लादकर मुहाना नदी के
गुलरिहा, मरिया, खखरौला आदि घाटों को पार करके देश को लाते है।
नेपाली भी इंडो नेपाल की सीमा से भारत में खबहा लेकर बेचते देखे जा सकते
है। घाटों पर खबहा के व्यापारी तंबू कनात लगाकर खबहा की बड़े पैमाने पर खरीददारी
करते है। व्यापारी नेपालियों से प्रति खबहा दो से तीन रूपए का खरीदते है। कुछ
व्यापारी अधिक बचत के लिए नेपाल में जाकर पूरी ट्राली खरीदकर बार्डर के रास्ते से
आगरा को भेजते है।
यदि यहां के किसानो को खबहा की खेती
के लिए प्रेरित किया जाए तो इस खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
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