नहीं हुआ भुगतान, मर गया गन्ना किसान





लखीमपुर-खीरी। प्रदेश सरकार की दबंगई के चलते जनपद खीरी मे गन्ना किसानो द्वारा बकाया भुगतान को लेकर आत्महत्या करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जनपद के थाना भीरा क्षेत्र के बस्तौली गांव मे किसान सत्यपाल की आत्महत्या का मामला अभी ठण्डा भी नहीं हो पाया था कि थाना नीमगांव क्षेत्र मे एक और गन्ना किसान ने फांसी लगाकर अपनी जान गंवा दी।

मिली जानकारी के मुताबिक थाना नीमगांव क्षेत्र के ग्राम पकरिया निवासी 45 वर्षीय छोटेलाल पुत्र मिश्रीलाल का क्षेत्र की कुम्भी चीनी मिल पर पिछले वर्ष का लगभग तीस हजार रुपया बाकी था। इस वर्ष भी उसने अपनी छह बीघा खेती मे गन्ना बोया था, छोटेलाल की मंशा थी कि पिछली बार न सही लेकिन इस बार चीनी मिल चलने पर भुगतान मिल जायेगा लेकिन प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक चीनी मिले चालू नहीं हो सकी है। तनावग्रस्त गन्ना किसान छोटेलाल कर्ज के बोझ से दब रहा था, लगातार कर्ज अदा करने के बन रहे दबाव के कारण छोटेलाल ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

बताया जाता है कि छोटे लाल सुबह ही अपने घर से निकल गया और दोपहर बाद ग्रामीणों ने रामेश्वर के खेत मे लगे आम के पेड़ से उसका शव फांसी पर झूलता पाया। शव मिलने की सूचना पूरे क्षेत्र मे आग की तरह फैली और गन्ना किसान की आत्महत्या की सनसनीखेज घटना से जिला प्रशासन भी हिल गया। आनन फानन मे सूचना पाकर मौके पर पहंुंची नीमगांव पुलिस ने शव को अन्त्य परीक्षण हेतु जिला मुख्यालय भेज दिया। किसान की आत्महत्या की सूचना जिले मे सूखे पत्तो मे लगी आग की तरह फैली और नेता भी अपनी राजनीतिक रोटिया सेेंकने के लिए मौके पर पहंुचना शुरु हो गये।

इधर जिला प्रशासन इस घटना को यह कहकर टरकाने का प्रयास कर रहा है कि किसान ने गन्ना भुगतान के कारण आत्महत्या नहीं की है उसने पारिवारिक कलह के चलते आत्महत्या की है। जनपद के अपर जिलाधिकारी विद्या शंकर सिंह का कहना है कि मृतक के नाम छः-सात बीघा खेती है, मृतक पर कोई कर्जा नहीं है तथा न ही कुम्भी चीनी मिल पर उसका गन्ना भुगतान बकाया है। एडीएम साहब इस सम्बन्ध मे मीडिया को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति मे पेराई सत्र 2012-13 मे उसको प्राप्त गन्ना पर्चियो पर भुगतान किये जाने का प्रमाण उसके खाता संख्या व प्राप्त रकम को आंकड़ों सहित प्रस्तुत कर रहे है।
                    
 प्रशासन भले ही गन्ना किसान द्वारा की गई आत्महत्या को पारिवारिक कलह बता रहा हो लेकिन मृतक छोटेलाल की प्राथमिक विद्यालय मे तैनात रसोइयां पत्नी तथा दो लड़के व तीन लड़कियो के सिर पर से पति व बाप का साया उठ गया है।

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