लखीमपुर-खीरी। जनपद के निघासन थाना क्षेत्र की पुलिस चैकी
झंडी क्षेत्र के गांव अदलाबाद में झोलाछाप डाक्टर ने एक और मासूम बालक की जान ले
ली। मासूम बच्चे की मौत से नाराज ग्रामीणों ने हंगामा काटते हुए चिकित्सक के घर व
क्लीनीक का घेराव कर जमकर हंगामा काटा। पुलिस ने मौके की नजाकत को देखते हुए
प्राइवेट चिकित्सक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के
लिए जिला मुख्यालय भेजा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के गांव अदलाबाद
निवासी सोनू का तीन साल के बेटे विमल को मौसमी सर्दी जुखाम हो गया था। वह अपने
बेटे को लेकर झंडी स्थित एक प्राइवेट डाक्टर की क्लीनिक पर लेकर गया। आरोप है कि
झोलाछाप डाक्टर ने कुछ दवाइयां देने के बाद उसे एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगते
ही विमल की हालत बिगड़ गई। कुछ ही मिनटों में उसने हांथ पैर चलाना बंद कर दिया।
परिवार वाले विमल को लेकर आनन फानन में उसे कस्बे के सीएचसी में भर्ती कराया। जहां
डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विमल का शव लेकर परिजन झंडी पहुंचे। वहां पर
उन्होने हंगामा काटने लगे। ग्रामीणों की भीड़ देखकर डाक्टर भाग निकला।
झंडी पुलिस चैकी
इंचार्ज केएल यादव ने बताया कि मृतक के पिता सोनू की तहरीर पर पुलिस ने झंडी
निवासी झोलाछाप बंगाली डाक्टर सत्यवान विश्वास के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
इसके पहले भी इसी डाक्टर के इलाज से अदलाबाद निवासी सदानंद की मौत हो गई थी। पुलिस
ने उसे पकडने के बाद छोंड दिया था।
घटना के बाबत सीएचसी प्रभारी राघवेन्द्र वर्मा से जानकारी
लेने पर उन्होने कहा कि यह सच है कि सरकारी अस्पतालों पर यहां के लोग यकीन नहीं
करते है। सीएचसी हो या पीएचसी सभी स्थानो पर डाक्टर की कमी के चलते मरीजो का सही
से इलाज नही हो पाता। शिकाएत मिली है। झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ जांच कर
कार्रवाही की जाऐगी। वहीं सीओ निघासन यूपी सिंह का कहना है कि यदि झोलाछाप डाक्टरो
के खिलाफ पुलिस को शिकाएत मिलती है तो उनके खिलाफ
रिपोर्ट दर्ज कर कार्रचाही की जाऐगी। साथ ही यदि कोई भी पुलिसकर्मी रिपोर्ट
दर्ज करने में आनाकानी करता है तो उसे भी नही बक्शा जाऐगा।
अब तक इन लोगो की जा चुकी है जान
अदलाबाद निवासी सदानंद की मौत करीब दो माह पहले बंगाली डाक्टर
के इलाज से हुई थी। पुलिस ने आरोपी डाक्टर को पकड़कर चैकी लाने के बाद उसे छोंड़
दिया था। नेपाल देश के राजापुर निवासी लल्ली देवी की मौत करीब एक साल पहले
तिकुनियां स्थित एक बंगाली डाक्टर के इलाज से हुई थी। डीहा की सुखविंदर कौर, लुधौरी की सुनीता गुप्ता, दुर्गापुरवा के
रामप्रसाद की मौत झोलाछाप डाक्टर के इलाज से हुई थी।
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