जानलेवा बीमारियों से हुयी पच्चीस मवेशियों की मौत





लखीमपुर-खीरी। जनपद के बिजुआ ब्लाक क्षेत्र में इस समय मवेषियों की जानलेवा बिमारी खुरपका व मुंहपका नामक बीमारी ने पूरी तरह से अपने पांव जमा लिए है। जिसका नतीजा यह है कि केवल एक कस्बे में बीते तीन दिनों में करीब 25 मवेषियों की मौत हो चुकी है। वहीं करीब 300 से ज्यादा पषु इस बिमारी की चपेट में है।

अगर जल्द ही पषु स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इसे रोकने के लिए उचित उपाय न किये गये तो न जाने कितने और पषुपालकों को अपने पषुओं से हांथ धोना पड़ेगा। ब्लाक क्षेत्र के कस्बा पड़रिया तुला में खुरपका व मुंहपका नामक जानलेवा बीमारी लोगों के लिए नासूर बनी हुई है। जिसे रोक पाना लोगों के बस बाहर दिखायी दे रहा है।

 जिसका नतीजा यह है कि इस कस्बे में अब तक छोटे बड़े मवेषियों में प्रेम नरायण गुप्ता की एक गाय एक बछड़ा, विरेन्द्र षुक्ला की एक गाय, एक बछिया, रामचंद्रगुप्ता का एक बछड़ा, फकीरा कष्यप का एक पड़वा, बेंचेलाल राठौर की एक गाय, एक बछिया, जगन्नाथ कष्यप की एक पड़िया, जसवंत भार्गव की दो पड़िया, राजा सिंह के दो बछड़े व एक गाय, लल्ला गड़रिया की एक बछिया व एक बछड़ा राकेष सिंह एक गाय, व दो बछड़ों के अलावा  प्रेमनराण विष्वकर्मा की एक गाय व दो बछड़ों की मौते हो चुकी है।

 वहीं पूरे कस्बे में करीब तीन सौ से ज्यादा पषु इस बिमारी की चपेट में है। यहीं नहीं इस बिमारी का असर अब पूरे क्षेत्र में दिखयी देने लगा है, और अन्य कस्बों से भी एक दो मवेषियों के मरने की खबरें सामने आ रही है।   

पशु चिकित्सालय बना सफेद हाथी

पड़रिया तुला कस्बे में स्थित पषु चिकित्सालय लोगों के लिए महज सफेद हाथी बनकर रह गया है। जहां पूरे कस्बे में आई खुरपका व मुंहपका जानलेवा बीमारी से पूरा गांव त्राहय त्राहय कर रहा है। और अपने पषुओं को बचाने की पूरी कोषिष में लगा हुआ है।

वहीं इस अस्पताल में पषुओं के इलाज के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, न तो इस अस्पताल में कोई डाक्टर साहब हैं, और न ही जानवरों को देने के लिए कोई दवा। ऐसे में लोग अपने पषुओं को बचाने के लिए केवल घरेलू उपायों पर ही निर्भर रह गये है।

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